50 तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

1- एक पल तेरी बेवफाई की फ़रियाद करते है और दुसरे ही पल सब भुलाकर तुझे याद करते है।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

2- एक तू है जो आती नहीं कभी, एक तेरी यादें है जो जाती नहीं कभी।

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3- कुछ काम करने में वैसे तो मुझे मौत आती है, मगर बड़े शौंक से बैठता हूँ जब तेरी याद आती है।

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4- कभी कभी यूँ तो तेरे ख़्वाब मुझे चैन से सुलाने आते हैं, मगर ज्यादातर तो तेरी यादें मुझे रुलाने आती है।

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5- वक़्त ही नहीं की हम कुछ काम करें, वक़्त मिलते ही तुझे याद करें और काम तमाम करें।

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6- याद लिपटती है आकर तेरी फंदे की तरह, कभी दम घुटता है तो कभी दिल रुकता है।

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7- तन्हाई आकर रोज़ मुझे रोज़ खाती है, तू तो आती नहीं मगर तेरी याद बहुत आती है।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

8- तूने भुला दिया जब से तब से तेरी यादों में डूबा हुआ हूँ, सँभालने का मन नहीं करता तब से टूटा हुआ हूँ।

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9- मैं तो कब का भुला चुका हूँ सारे सितम, अब तो बस तू और तू ही याद है सनम।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

10- ज़ेहन में बस तेरे ख्याल और तेरी यादें चलती रहती है, आँखि भीगती रहती है और रूह जलती रहती है।

11- तेरी यादो को आने से रोकूं कैसे भला, तूने तो छोड़ दिया मुझे मगर मैं तेरी यादों को छोडूं कैसे भला।

12- तू भला फिर क्यों आएगा तेरी यादें ही काफी है मुझे रुलाने के लिए।

13- यूँ ही दिन को अपने मैं ख़ाक करता हूँ, सब कुछ भुलाकर मैं सिर्फ तुझे याद रखता हूँ।

14- तेरी यादों के सिवाय और रखा ही नहीं कुछ, तो फिर तुझे याद करने के सिवाय और करूँ भी क्या।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

15- काश तू भी बन जाए तेरी यादों की तरह, आने से पहले ना वक़्त देखे और ना हालात।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी 2 Line

1- कुछ कहानियों को कभी अंजाम नहीं मिल सकता, कुछ दर्द ऐसे भी होते है जिन्हे कभी आराम नहीं मिल सकता।

2- ज़िन्दगी तू निशाने बाज़ अच्छी है, मुझे दर्द देने का एक मौका चूकती नहीं।

3- अब और कैसे चले ज़िन्दगी में तेरा सहारा भी तो नहीं, तेरे बिना गवारा भी नहीं और तू भी तो फिर हमारा तो नहीं।

4- अब तेरी तारीफ़ में लिखे खतों को पढता हूँ तो लगता है की ये खत नहीं खता लिख दी मैंने।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

5- यादों में उसकी आंसू यूँ ही बहाते रहे, हम उसे बुलाते रहे वो किसी और के संग जाते रहे।

6- मत पूछ हम किस किस्म के मारे हैं, तुझे देख कर जी रहे तेरे सितम के मारे हैं।

7- भूले भी भूलता नहीं वो शक़्स मुझे, आँखों से निकला हुआ उसकी याद दिलाता है हर अक्स मुझे।

8- रो पड़े आज उसे देखकर, वो हमे रोता देख मुस्कुराने लगा।

9- ढूंढ लाओ कोई मेरा करार खो गया है, दुश्मन बन बैठा हूँ खुद का ही जिस दिन से मेरा यार खो गया है।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

10- एक तलबगार को शराब न मिले, बस वैसी ही हालत होती है जब हमसे आप ना मिले।

11- वो तो मिलना हो जाएगा ख़्वाबों में तुमसे, खामखा इस मारे सोने की कोशिश करता हूँ मैं।

12- गुम हूँ और गुमसुम भी हूँ, तेरी वजह से ही हूँ जो कुछ भी हूँ।

13- अब तो कुल-मिलकर हम दो ही काम-काज करते हैं, एक खुदा से फ़रियाद करते हैं और दूसरा तुझे याद करते हैं।

14- आँखों के आगे एक वो ही नहीं आता, आँखों में वो और आंसुओं के सिवाय और कुछ नहीं आता।

15- मानो और कोई ग़म ही ना हो दिल के पास तुझे खोने के सिवाय, मानों की और कोई काम ही ना ही आँखों के पास रोने के सिवाय।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

16- किस सुबह किस शब् तक रहेगा, तेरे ना होने का ग़म ना जाने कब तक रहेगा।

17- तुझे चाहकर ये हाल होने पर हैरान नहीं हूँ मैं, लहरों के किनारे बनने वाले मकानों का टूटना तो बनने से भी पहले से तय होता है।

18- मायूसी आकर मिलती है और जकड लेती है, बील्कुल उसी तरह जिस तरह अकेले में मैं तुमसे लिपटना चाहता था।

19- तैरने का फायदा नहीं कुछ इस क़दर डूबा हूँ मैं, मुझे तो अब गिनती भी याद नहीं की कितनी बार टूटा हूँ मैं।

20- दिल भारी और आँखें भरी हुई है, हालत ये मेरी सनम तेरी ही करि धरी है।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी

21- एक शख्स जो खुद से भी तंग रहता है, वो मेरे अंदर मेरे संग रहता है।

22- तेरे न होने का गम खाता है मुझे इस क़दर, की मुझमे मैं नहीं अब बस दर्द बाकी है।

23- वो मिलेगा मुझे फिर भला कैसे, उसके पास ना कमी है मिलने वालों की और ना ही मिलने वालों से फुर्सत है।

24- हार चुका हूँ हर बाज़ी जिसकी ज़िन्दगी वो खेल बन चुकी है, कट रही कैद होकर ज़िन्दगी जिसमे ज़िन्दगी जेल बन चुकी है।

25- दर्द में दवा ना काम कर रही है, तेरा इश्क़ हमे कुछ इस कदर नाकाम कर रही है।

तुम्हारी बहुत याद आती है शायरी Text

26- लोग पूछते हैं की इतना दर्द क्यों लिखते हो, मैं कहता हूँ मैं तो बस लिखता हूँ।

27- तू मुझे अपना ना सका क्या इतना गैर हूँ मैं या फिर इतना गैर ज़रूरी हूँ मैं।

28- अब दो ही रास्ते है मेरे पास, या तो तू खुद को मेरा कर ले, या फिर हम अंधेरों में अपना बसेरा कर ले।

29- ना उम्मीद बाकी है ना कोई ज़िद बाकी है, दुनिया की छोड़ हम भी कहाँ अब तेरे बिन बाकी है।

30- गम के मारे मुस्कुराना भूल गए, तेरे पीछे इस क़दर चले की फिर घर जाना भूल गए।

31- खुद से खफा किसी और को क्या मनाएगा, खुद दर्द बन बैठा शख्स दर्द को क्या दबाएगा।

32- आँखें रो-रोकर लाल हो गई है, ज़िन्दगी लाह्सील एक सवाल हो गई है।

33- हज़ारो सवालों के बीच, तेरे ख्यालों के बीच, करता हूँ महसूस अकेला लाखों यारों के बीच।

34- मोहोब्बत के भूखो पर तरस नहीं खाता, मेरी नज़र खराब हो गई है या सच में मेरा कोई अपना मुझे नज़र नहीं आता।

35- खुद के हाथ भी नहीं आ रहा कुछ इस क़दर पीछे छूट रहा हूँ मैं, खुद भी संभाल नहीं पा रहा खुद को कुछ इस कदर टूट रहा हूँ मैं।

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