
1- बदलती दुनिया बदलते रिश्तों के बीच मैं ना जाने क्यों मैं पहले जैसा ही रह गया।

2- कपडे तो सुना था मैंने मगर यहाँ तो लोग चेहरे और रंग बदल रहे हैं।

3- वो कल की ज़रा ज्यादा ही सोचते हैं जिनके पास आज खर्चने के लिए जेब में कुछ नहीं होता।

4- भड़काया उसे है किसी ने मेरे खिलाफ आग की तरह, और जल कम्बख्त मेरा दिल रहा है।

5- किसी की बातों में आकर बात करना बंद कर दिया है सनम, या फिर मतलब की बातें अब पूरी हो गई है।

6- वो बातें मतलब की करने आया था, हम भी कहाँ उसकी बातों में आ गए।

7- तैयार रहते हैं हर वक़्त हम भी, धोखे और मौके हर मोड़ पर हमसे मिलने को तैयार रहते हैं।

8- एक बात तो सीख ली मैंने ज़िन्दगी से, तुम दिल मत लगाओ तो कोई बात दिल पर लगेगी ही नहीं।

9- मुझसे भी सब बात करेंगे अगर मैं लफ़्ज़ों को अपने शक्कर सा बना लूँ, मुझे भी ना लगा करेंगी बातें अगर मैं दिल पत्थर का बना लूँ।

10- समय ही वजह है रात और दिन की, समय ही वजह है किसी की हार और जीत की।
11- अच्छी दुबिया होती है पत्थर दिल वालों की मैं भी कहाँ जज़्बातों में आ गया, अच्छी तो चल रही थी मतलब की बातें मैं भी कहाँ प्यार की बातों में आ गया।
12- कसूरवार वक़्त होता है और सजा इंसान को मिलती है।
13- कल तक जो गले लगता था आज गले का फंदा लग रहा है, कल तक जो मुझे ही देखत था आज मुझे अँधा लग रहा है ।
14- अपनी तो जैसे तैसे कट ही गई ज़िन्दगी, आधी तेरे साथ में और आधी तेरी याद में।

15- हालात है या फिर हवालात है, कैद हो कर रह गया हूँ मैं।
बदलती जिंदगी शायरी 2 लाइन
16- आँखें बचपन की नादाँ होती है, जो देखती है की ज़िन्दगी आसान होती है।
17- कुछ हंसी के पल काश मेरे हिस्से में भी होते, कुछ अपने काश मेरे रिश्ते में भी होते।
18- हाल फ़िलहाल में हाल ऐसे हो गए हैं, की तुझे पाने की खातिर हम खुद ही खो गए हैं।
19- जिस रास्ते पर निकला तेरी तलाश में, वहां तू तो नहीं मगर बस तकलीफें मिली।

20- अगर हकीकत की हकीकत से वाखिफ़ होता मैं, ख्वाबों से अपने ना कभी मुखातिब होता मैं।
21- तू नज़र की सामने आता क्यों नहीं, देख हालातों ने मेरी हालत देखने लायक कर दी है।
22- सोचा था गिरूंगा तो तू संभल लेगा मुझे, मगर कभी ये नहीं सोचा था तू ही गिराएगा मुझे।
23- जब से राह में मुझे तू नज़र आता नहीं, मैं कहाँ भटक गया हूँ मुझे समझ आता नहीं।
24- दर्द इतना बड़ा है की दबाना मुश्किल हो रखा है, दिल में इस क़रार छुप गया है की दिखाना मुश्किल हो रखा है।

25- इतने सवाल और हल एक भी नहीं, इतने सारे अपनों में असल एक भी नहीं।
26- बात तो सीधी सी है की ज़िन्दगी अगर आसान होती, तो लोग इतनी मुश्किलों में नहीं जी रहे होते।
27- पहले लोग मददगार हुआ करते थे अब समझदार हो गए हैं।
28- उठते हैं सवाल इतने अपने वजूद पर, की यक़ीन नहीं होता ना खुद के होने पर ना खुद पर।
29- ना जाने कल क्या होगा, जिन मुसीबतों से जूझ रहा हूँ नाजाना उसका हल क्या होगा।

30- ज़िन्दगी तूने ऐसे दिन दिखा दिए हैं की मुझे दिन में भी तारे नज़र आते हैं।
31- मैं तुझे जैसा सोचता था तू वैसा शायद नहीं था, दुनिया कहती है मैं तेरे लायक नहीं मैं कहता हूँ तू मेरे लायक नहीं।
32- कुछ इस क़दर स्वाद कड़वा है ज़िन्दगी की तेरा स्वाद मुझसे अब चखा नहीं जाता।
33- अपने और परायों में एक ही फ़र्क़ होता है जनाब, जो अपने होते हैं ना वो हाल पूछते नहीं जानते हैं।
34- इतना आज़माने के बाद भी ज़िन्दगी ने मुझे इस लायक नहीं समझा की किसी लायक बना दे।
35- खैर हालातों की बात ना ही की जाए तो बेहतर रहेगा, इस बुरे वक़्त में भूलकर भी कैसे ये दिल खुद को बेहतर कहेगा।