
1- कोई आता नहीं है सच के सामना क्यूंकि सच का सामना करने की किसी में हिम्मत नहीं होती।

2- झूठ कितना भी उछाला जाए मगर सच किसी के आगे झुकता नहीं है।

3- सच का सागर इतना बड़ा होता है की झूठ के झरोंके उनमे डूब कर मर जाते हैं।

4- सच इतना सफ़ेद होता है की उसके ऊपर कहा गया हर काला झूठ साफ़ नज़र आ जाता है।

5- सच की आवाज़ ही इतनी बुलंद होती है की वो झूठ के कान के परदे फाड़ देती है।
6- सच का कोई सबूत नहीं होता क्यूंकि सच्चाई अपने आप में ही सबसे बड़ा सबूत होती है।
7- लोग यूँ ही नहीं झूठों को इतना पसंद करते है लोगों को झूठ सुन्ना काफी पसंद है आज कल।
8- झूठ कितने ही सफ़ेद लिबाज़ पहन ले, झूठ का मुँह हमेशा काला ही रहता है।
9- घूम लीजिये सारा संसार सच्चाई और अच्छे की तलाश में, मगर ये दोनों अगर आपके अंदर नहीं तो कहीं भी नहीं।

10- झूठ चाहे लाख छुपा ले खुद को पर्दों के पीछे नंगा सच सामने आ ही जाता है।
11- जीवन का सच यही है की सब मोह माया है।
12- किसी ने सच ही कहा है सच कहने वालों के आगे झूठ बोलने वालों की बोलती बंद हो जाती है।
13- आपकी सोच ही आपका सच होता है बाकी जो कुछ भी होता है वो सब दिखावा है।
14- सच कहूँ तो सच कहना और सच सुन्ना किसी को पसंद नहीं है आज कल।

15- मेहनत सच्ची हो तो सपने सच हो ही जाते हैं।
16- जो कभी किसी का गलत नहीं सोचते उनके भले के लिए भगवान् खुद सोचते हैं।
17- सच तो सभी को सुनाई और दिखाई देता है मगर सब उसका सामन करने से बचने के लिए उसे अनदेखा और अनसुना करते हैं।
18- दुनिया में सब दूसरों के डूबने का मज़ाक सभी उड़ाते हैं मगर खुद वो कितने पानी में है ये कोई नहीं देखता।
19- ये कलियुग है जनाब यहाँ सच को झुठला कर झूठ को सच्चा माना जाता है।
20- विशवास का कपड़ा सच्चाई के धागे से ही बना जाता है।
21- आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएं, वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएं।
22- सच पर शक और झूठ पर यक़ीन हो रहा है, आसाम जैसे ज़मीन हो रहा है।
23- सच को तमीज ही नहीं बात करने की झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।
24- झूठों को मन रही है दुनिया सच से सब रूठे हुए हैं।
25- स्कूल में आज कल सब सिखाते हैं, मगर एक भी स्कूल ऐसा नहीं जहाँ सच सिखाते हैं।
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26- जिस जुबां को सच बोलना नहीं आता वो मुँह गूंगों से भी ज़्यादा बेज़ुबान है।
27- झूठों को आज कल सब इसीलिए भी पसंद कर रहे है क्यूंकि झूठे सभी को पसंद कर लेते हैं।
28- सच चुपचाप रहकर भी सुनाई दे सकता है, और झूठ चीख कर भी खुद को साबित नहीं कर पाता।
29- इंसान कितना भी झूठ के पीछे छुप जाए उसे सच का सामना तो करना ही पड़ेगा।
30- झूठ बार बार रुख बदलता है और सच सबसे आगे सबसे सीधा चलता है।
31- सच्चाई को सब नज़अंदाज़ करते है, अच्छे तो लोगों को बौराई पर बात करना लगता है।
32- कोई सुनेगा ही नहीं अगर सच कहा जाए, अगर हर तरफ झूठ फ़ैल जाएगा तो सच भला कहाँ जाए।
33- झुकता नहीं सबके आगे, सब छोटे है सच के आगे।
34- सच को नफरत और झूठ को प्यार मिलता है, सच को निरादर आज कल झूठ को सत्कार मिलता है।
35- इस कलियुग में सफ़ेद सच का रंग किसी को भाता ही नहीं।