
1- सीने में दर्द और आस्तीन में सांप कई पाले हैं हमने, खुद भले लाख टूटे हो मगर दर्द कई संभाले है हमने।

2- एक सीने में दर्द हज़ार छुपा रखे हैं, मेरी एक ही पीठ पर खंजर भी हज़ार चुभा रखे हैं।

3- पता पूछे कोई जो दर्द का तुमसे, तुम बेझिझक उसे पता मेरे सीने का देना।

4- सीने में सुलगती आग की तरह था तेरा मिज़ाज, दिल जलकर जिसमे राख हो गया।

5- आँखों में आंसू और दर्द सीने में, कोई तो बताओ मुझे क्या फायदा ऐसे जीने में।

6- ज़ख्म दिल पर लगे थे और वो निशाँ जिस्म पर ढूंढ रहे थे, हम आँखों से कह रहे थे और वो जवाब ज़ुबाँ में ढूंढ रहे थे।

7- यूँ ही नहीं हम जाम भरते हैं हम, जाम से ही दिल के ज़ख्म भरते हैं हम।

8- सीने में दर्द ज्यादा और हवा कम है, मेरे पास ज़ख्म ज़्यादा है और दवा कम है।

9- सीने में कितने दर्द है बतलाऊँ कैसे, ज़ुबाँ के पास अलफ़ाज़ नहीं है और दिल के पास जुबां नहीं है।

10- ज़ख्म पीठ पर लगते हैं और दर्द कम्बख्त सीने में उठता है।
11- सीने में कितने दर्द है गिनती मुझसे होती नहीं, मैं बस एक दफा बोलता हूँ ये विनती मुझसे होती नहीं।
12- कुछ महसूस नहीं होता दिल भी अब सर्द रहता है, दो ही चीज़ें रहती है दिल में एक तो दर्द और दूसरा वो बेदर्द रहता है।
13- मेरे दर्द में एक अलग ही खासियत है ये बांटने पर भी कम नहीं होता।
14- इस बेदर्द दुनिया में रहते-रहते वो दर्द देना सीख गए और हम सहना सीख गए।

15- हर ख्वाहिश को मेरी उससे हर्ज़ मिला, इश्क़ में तोहफे में बस दर्द मिला।
16- ना नींद मिली बस ख़्वाब मिला, बेइन्तेहाँ मोहोब्बत में दर्द बेहिसाब मिला।
17- मेरे पास दिल था बस दिमाग नहीं, दर्द दिखाऊं भी तो दिखाऊं कैसे मेरे जिस्म पर कोई निशाँ नहीं।
18- मेरे दर्द को नाटक बता रहे हो तुम, बिना कुछ करे ही अब सता रहे हो तुम।
19- सीने में जहाँ पहले दिल रहता था, अब वहां दर्द रहता है।

20- आंसुओं के सिवाय अब मेरे पास पीने में कुछ नहीं है, अब दर्द के सिवाय मेरे पास सीने में कुछ नहीं है।
21- अब तो लौट आने का ना और वक़्त दे मुझे, मुझे सहते सहते दर्द की तालाब हो गई है तू दर्द दे मुझे।
22- ये फरवरी के मोहोब्बत के महीने में, दर्द की सुइयां कुछ ज्यादा ही चुभती है सीने में।
23- जिस सीने में दिल रहता था कभी अब वहां दर्द रहता है, जिन आँखों में ख़्वाब रहते थे कभी वहां आंसू रहते हैं।
24- जिसे मिलने वालों से दर्द मिलने लगें, वो कैसे फिर किसी से मिलता रहे।

25- दर्द एक-आद हो तो दबा भी दे, उसकी बेवफाई के किस्से एक-आद हो तो बता भी दे।
सीने में दर्द शायरी Sms
26- तुझे जाने दिया तो बस मलाल होगा मुझे, अगर इश्क़ होगा तो दर्द होगा मुझे।
27- हर दर्द का पता मेरे सीने में ही क्यों मिलता है, हर दर्द भला मुझे तुझसे ही क्यों मिलता है।
28- क्या हुआ जो तोड़ दिया दिल उसने मेरा, उसने अपनी चीज़ तोड़ी है मेरा क्या किया।
29- एक सीने में दर्द कई रखते हैं, एक जगह नहीं हर कहीं रखते हैं।

30- इश्क़ की ज़िम्मेदारी ली तो अपना फ़र्ज़ तो समझो, दर्द दे रहे हो तो देते रो मगर कम से कम मेरा दर्द तो समझो।
31- दर्द मेरे सीने में यूँ ही समाते रहे, वो नाराज़ हमे कर के बेकदर हमे बताते रहे।
32- सोचा था तोहफा जो तू देगा जो भी उसे दोगुना लौटाएंगे, मगर तूने तो सिर्फ दर्द दिए हैं मुझे, हम दर्द तो तुझे नहीं दे पाएंगे।
33- उनसे ना मुलाक़ात ना अदबो-अदब होता है अब, जो होता है बस दर्द होता है अब।
34- भरोसा नहीं किसी पर बस ऐतबार तेरा कर रहा हूँ, खुद के लिए भी नहीं रुकता मैं मगर इंतज़ार तेरा कर रहा हूँ।

35- इस सीने के पन्नों में बस दर्द ही दर्ज है, ना बहाने को आंसू है ना कहने को लफ्ज़ है।