35 Awesome Ajnabi Shayari

Ajnabi Shayari

1- काश मिटा देते हम शिकवे सारे, और लिखते नई दास्ताँ मोहोब्बत की अजनबी बनकर।

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2- शुक्र मानते थे जिनके कभी मिलने का, आज चाहते है की वो काश अजनबी होते।

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3- बस चेहरे से जानते है मुझे सभी, और समझते है की बड़े अच्छे से जानते हैं मुझे सभी।

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4- काश की पहुँच जाऊं एक ऐसे शहर में मैं, जहाँ कोई मेरा जान्ने वाला मुझ तक पहुँच ना सके।

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5- जान थे जो कभी दो जान्ने वाले, आज ऐसे मिलते है जैसे अजनबी हो कोई।

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6- तुम शायरा बन जाना मैं आऊंगा कवी बनकर, फिर मिलेंगे कभी दोबार अजनबी बनकर।

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7- जितना मुश्किल है इंसान होकर भगवान् बनना, उतना ही मुश्किल होता है किसी को जानकार भी अनजान बनना।

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8- जानता हूँ क्या मोहोब्बत का अंजाम होगा, शुरुवात में जो जान होगा बाद में चलकर वही अनजान होगा।

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9- आज रास्ते में जो एक अजनबी मिला, ऐसा लगा जैसे मुझे आज नबी मिला।

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10- जैसे दो चाहने वाले मिलते हैं उन सभी की तरह, मिलेंगे हम भी फिर से अजनबी की तरह।

11- पहले ख्वाहिश होती थी मिले कोई जान्ने वाला आज डर लगता है पहचान ना ले ये सामने वाला।

12- हमे कुछ इस क़दर नज़र अंदाज़ करते हैं वो हमे खुद भी खुद के होने पर शक होने लगता है।

13- एक अजनबी पहले पास आकर सब कुछ जान लेता है और फिर सब जान लेने के बाद जान लेता है पता ही नहीं चलता।

14- आज अचानक उस अजनबी से फिर मुलाक़ात हुई, जुबां चुप रही बस आँखों की आँखों से बात हुई।

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15- तुझसे मोहोब्बत कर के एक बात तो सीख ली मैंने की ना अजनबी से कभी दिल लगाना ना अजनबी की बातों को कभी दिल से लगाना।

16- अब साथ चल ही रहा है तो तो मेरे लिए ज़हर ले चल, मुझे और किसी को नहीं जानना मेरी तक़दीर तू मुझे अजनबी शहर ले चल।

17- अजनबी तो पूछ भी लेते है हाल दिल का, एक अपने ही है जो कोई बात नहीं पूछते।

18- जब से अपनों से अजनबी कर दिया है मुझे, मैं अजनबियों में अपनापन ढूंढता हूँ।

19- एक अजनबी को अपनाने की भूल कर ली हमने, हाल ये है की आज तक वो गलती हमे याद आती है।

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20- उसका गैर करना कौनसी बड़ी बात है भला, मेरी तो अपनी ज़िन्दगी भी कभी मेरी सगी नहीं हुई।

21- हाल पूछ लेते हैं बेवजह बेवक़्त ये अपनों से ज्यादा बेहतर तो अजनबी होते हैं।

22- अनजान को ही जान लेना बेहतर है जनाब अपने अपमान बहुत करते हैं।

23- मेरे अपनों से जब मुझे अजनबी कर दिया तब जाकर कहीं खुद को जान्ने का वक़्त मिला।

24- एक अजनबी जब दूर चला गया तब जाना हमे, वो पास आया नहीं था पास से गुज़रा था बस।

Ajnabi Shayari

25- एक अजनबी के साथ राहों में चले क्या दो पल वो रास्तों के साथ दिल में भी छाप छोड़ गया।

26- रहने दो खुद ही में मतलबी बनकर, जीने दो मुझे अजनबी बनकर।

Ajnabi Shayari 2 Lines

27- क्यों कर रहे हो कोशिश मुझे जान लेने की जनाब, आखिर में तो तुमने भी मुझे अजनबी ही करना है।

28- जब ज़रुरत होती है रूबरू भी तभी होते हैं, अपने गैरों से से भी ज्यादा अजनबी होते हैं।

29- एक अजनबी को देखने की आदत हो गई, हुआ कुछ नहीं ज़िन्दगी में एक और आफत हो गई।

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30- मिज़ाज अजनबी है सनम तुम्हारे, मगर चेहरा ये जाना पहचाना सा लगता है।

31- दुनिया से ज़ख्मों को अजनबी ही रखना, दुनिया ज़ख्मों को जान लेती है तो फिर जान लेती है।

32- तुम बस मेरे चेहरा जानते हो जनाब मेरे बारे में तुम अभी कुछ नहीं जानते।

33- लोग खामखा ही डरते है अजनबियों से, जब की कोई अपना ही मारता आ रहा है अपनों को सदियों से।

34- कहीं किसी अजनबी से बैठकर दो जाम लगा लेने में कोई बुराई नहीं है बस किसी अजनबी से दिल मत लगाना।

35- मैं किसी को क्या अपनाउंगा भला मैं तो खुद भी खुद के संग गैरों की तरह रहता हूँ।

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