1- बस ये दुनिया हकीकत की है ये दुनिया वाले दिखावे के हैं।
2- चाहत में चोट पहुंचकर मुझे दिखावे के दिलासे मत दिया करो सनम।
3- अनदेखा कर देते हो सभी के सामने, अकेले में साथ होने का दिखावा करते हो।
4- दिखावे का प्यार ही शोर किया करता है, सच्ची मोहोब्बत तो इशारों इशारों में ज़ाहिर हो जाती है।
5- मेरे दर्द में तू इस क़दर इज़ाफ़ा मत कर, ज़रुरत पड़ने पर मोहोब्बत का दिखावा मत कर।
6- दिखावा करते है वो शानदार जूते दिखाकर मोज़े जिनके फटे हुए हैं।
7- नाटक करते हो मोहोब्बत का तुम किसी मोहोब्बत के नाटक में काम क्यों नहीं करते।
8- सब दिखावे में दरगाह और मतलब के लिए मंदिर जाते हैं, अल्लाह और भगवान् भी जानते हैं लोग उन्हें कितना चाहते हैं।
9- मदद करने के लिए हाथ बढ़ने का दिखावा सभी करते हैं मगर हाथ पकड़ता कोई भी नहीं।
10- खुदा नास्तिकों से नाराज़ नहीं होता बल्कि उनसे नाराज़ होता है जो भक्ति का दिखावा करते हैं।
11- ढोंग की मोहोब्बत से बेहतर तो ढंग से नफरत कर लेते।
12- तुम हो याद पर तुम्हे आते याद नहीं हम, तेरे साथ रहना चाहते है पर रहते साथ नहीं हम।
13- छलावे और दिखावे के सिवा कुछ और आता नहीं क्या तुम्हे, मतलब पूरा करने के सिवा और कुछ भाता नहीं क्या तुम्हे।
14- झूठ फरेब दिखावा धोखा सिर्फ मोहोब्बत के सिवा उसे सब कुछ देना आता था।
15- आज तो मिलने बड़े इत्मीनान से आए हो सनम, लगता है किसी काम से आए हो सनम।
16- थक गया हूँ गम में हस्ते हुए, ऐ खुदा एक ख़ुशी तो दे खुल के मुस्कुराने को।
17- दिखावे के मुस्कराहट के पीछे नाजाने कितने गम छिपे होते हैं, कोहरे पन्नो के पीछे नाजाने कितने गम लिखे होते हैं।
18- दुनिया दिखती है जैसी वैसी है नहीं, ये दुनिया पानी और चट्टानों की नहीं दिखावे की बानी हुई है।
19- प्यार करो या फिर दिखावा करो, सनम ये प्यार का दिखावा मत करो।
20- दिखावा करने वालों को मिल जाती है दिल में पनाह, सच्चे मोहोब्बत वाले भटकते रह जाते हैं ।
21- मतलब सभी पूरे हुए मोहोब्बत में, मोहोब्बत में बस मोहोब्बत अधूरी रह गई।
22- बस दिलसे मिले मदद नहीं मिली, प्यार के बदले प्यार और क़दर के बदले क़दर ना मिली।]
23- अच्छे होते हैं बुरे लोग कम से कम अच्छे होने का दिखावा तो नहीं करते।
24- ये जो बहुत खुश होने का दिखावा करते हैं उनके पास सब कुछ होता है सिवा ख़ुशी के।
25- लाख दिखावे की दवा है एक दिल से की हुआ ज्यादा असरदार होती है।
26- आता हमे भी जो हुनर दिखावे का, बड़े बड़े लोग तुम्हे हमारे भी साथ दिख जाते।
27- मदद कहाँ मिलती है आज कल के ज़माने में, नसीहत चहिए तो बताइएगा।
28-मुस्कुराने का दिखावा करना ही पड़ता है जब सब तुम्हारे रोने की ख्वाहिश कर रहे हों।
29- दिखावा ही दिखावा दिखाई पड़ता है, असलियत अब असलियत में कहीं नज़र नहीं आती ।
30- सच के ऊपर झूठ के लिबाज़ है, मन में ज़हर मुँह पर मिठास है।
31- दिखावा रिश्तों में उस क़दर घुल गया है अब जिस क़दर नशा घुलता है नसों में।
32- दिखावे के दरिया में डूब गए रिश्ते, सब अपना कहते तो है मगर कोई अपना मानता नहीं है।
33- असल दुनिया है अब बस किताबों की दुनिया, असल में तो अब है बस दिखावे की दुनिया।
34- दुःख दिखने से कम तो नहीं होगा यही वजह है की गम छुपता फिरता हूँ।
35- जो दिखता है सब दिखावा है जनाब जपू छुपा हुआ है वो असलियत है।