
1- सच बताना सनम अब वक़्त नहीं मिलता तुम्हे या फिर अब तुम मिलना नहीं चाहते।

2- भीगी आँखों से धुंधला गई है नज़रें या फिर सचमे पास मेरे कोई अपना नहीं है।

3- दौर बदल गया हम क्यों पहले से रह गए, तुम किसी और के साथ चले गए हम क्यों अकेले से रह गए।

4- रिश्तों के नाम सब जानते है उनके मायने किसी को मालूम नहीं।

5- जब मेरे अपने मुझे अपने मुँह से अपना नहीं कहते मैं किस मुँह से कह दूँ वो ख़ास है मेरे।
6- रिश्ते नहीं जनाब आज कल लोग फायदे ढूंढते हैं।
7- सोच समझकर साथ देते हैं आज कल लोग अपनों का भी, ये बातें सच में मेरी समझ से बहार है।
8- जिन्हे खुद को साबित करने से पहले ज़िम्मेदारी मिल गई हो भला वो कैसे साबित करें काबिल थे हम।
9- मेरी आँखों से निकले आंसू की तरह था वो, वो भी दोबारा कभी लौटकर नहीं आया।

10- अभी क्यों निकल आए आँखों से आंसू, अभी तो छेड़ी भी नहीं दास्ताँ ऐ-ज़िन्दगी मैंने।
11- ये जो चीख रहे हैं दर्द में यहाँ, मेरी सुन लेंगे तो बोलती बंद हो जाएगी।
12- बचपन में हर चीज़ के लिए रोना से लेकर हर दर्द में आंसू छुपाने तक का सफर ही मेरी ज़िन्दगी है।
13- आता नहीं लौटकर तू ज़िन्दगी में मेरी ये सोचकर रातों में रोना आता है।
14- सूखा पड़ गया है ज़िन्दगी और आँखों में अब रोना तो आता है मगर आंसू नहीं आते।

15- सोचा ना था ज़िन्दगी में ऐसे भी फ़साने होंगे, रोना भी होगा और आंसू भी छुपाने होंगे।
16- दर्द खाली तो नहीं होते रोने से, हाँ मगर जी हल्का ज़रूर हो जाता हैं।
17- आंसू बरसे जो बरसात के मौसम में, हमने बारिश बता कर बात को रफा-दफा कर दिया।
18- गिने नहीं आंसू जो आँखों से बरसे, मगर इतना ज़रूर मालूम है की लाखों में बरसे।
19- वो मेरी आँखों को समंदर कहा करता था, मुझे मालूम ना था इतना पानी है इनमे।

20- बरसात में चलना मुश्किल ज़रूर हो जाता है मगर रोने के लिए सबसे अच्छा मौसम बरसात का होता है।
21- कितना रोए हैं तेरे लिए इन आँखों से पूछ, कितना जागे हैं तेरे लिए इन रातों से पूछ, कितना ज़िकर किया है तेरा मेरी बातों से पूछ, कितना कौसा है खुद को तेरे लिए हालातों से पूछ।
22- आँखें मेरी धुंधला गई आंसुओं से मगर मेरा रोना उसे ना दिखाई दिया।
23- वो टिका नहीं ज़िन्दगी में मेरी जैसे आंसू नहीं टिकते आँखों में।
24- जितना दर्द मुझे हुआ है क्या उसे भी होता होगा, क्या वो भी मुझे याद कर रातों में रोटा होगा।
25- उसकी आँखें खासी अच्छी थी मगर उसे मेरा बुरा हाल आज तक नज़र नहीं आया।
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26- पलकें भीगी हुई मन उदास था, उस दिन सिर्फ तन्हाई का मंज़र मेरे पास था।
27- मौसम सर्दियों का आ गया था लेकिन, इन आँखों के लिए बरसात कभी बीती ही नहीं ।
28- आंसू बता कर बहते नहीं वरना कोई पूछने पर भी ना जान पाता गम को हमारे।
29- मान लेता तुम भी रट हो मेरे लिए अगर पत्थर के भी आंसू होते।
30- मैं मरने के बाद भी रोना रोक नहीं पाउँगा जानता हूँ वो वहां भी मुस्कुरा देंगे।
31- दिल से टूटे हुए लोग अक्सर दिल के अच्छे ही होते हैं, मुस्कुराहटें झूठी हो सकती है जनाब आंसू हमेशा सच्चे ही होते है।
32- मन उदास हुआ आँखें भीगी, आज याद आ गई मुझे बाते बीती।
33- आंसू के दरिया में बोझ ग़मों का बह क्यों नहीं जाता, जो आता है ज़िन्दगी में वो ज़िन्दगी भर रह क्यों नहीं जाता।
34- आंसू सिर्फ आँखों से ही नहीं बहते कुछ लोगों की यादों में दिल भी रोता है।
35- तुझसे जूजी यादों को याद कर मत पूछ हम कितना टूट कर रोते हैं।