
1- सोचता हूँ एक ऐसी जगह गुमनाम हो जाऊं, की जहा ना कोई मुझे जाने और ना मैं किसी को पहचानू।

2- तुझसे यूँ जुदा होने से बेहतर तो यही था की तुझसे रिश्ता जुड़ा ही ना होता।

3- चीखता हूँ खुद पर और खुद ही सुनता हूँ, उधेड़ता भी खुद ही हूँ और ख़्वाबों को खुद ही बुनता हूँ।

4- ये चार दीवारियाँ मेरे सबसे क़रीबी है अब, जो भी मैं कहता हूँ ये चुपचाप सुन लेती हैं।

5- समझाने वाले बहुत है समझने वाला कोई भी नहीं, राह बताने वाले बहुत है पर साथ चलने वाला कोई भी नहीं।
अकेलापन दर्द शायरी

6- तनहा है वो आज जो कल तक रहता था लाखों के बीच, जो दिन में भी चैन से सोता था आज जागा हुआ है आधी रातों के बीच।

7- तन्हाई तू बुरी कितनी भी हो भले मगर तुझसे बेहतर साथी कोई नहीं।

8- मैंने सभी की सुनी मगर मुझे किसी ने कुछ कहने ना दिया, मैंने सभी का साथ दिया मगर मुझे किसी ने अपने साथ रहने ना दिया।

9- आंसूं आते है मगर उन्हें पौंछने वाला कोई नहीं, हम सभी की सोचते है मगर हमारी सोचने वाला कोई नहीं।

10- मैं उजालों की चकचौंध में भी अँधेरे में रहा हूँ, मैं सभी के साथ में होकर भी अकेले में रहा हूँ।
11- ज़िन्दगी के पतझड़ में अब कौन कर रहा है भला बहारों की मांग, हम तो अपने दम पर खड़े हैं फिर भला कौन कर रहा है सहारों की मांग।
12- छोड़ जाओ अकेला मुझे अँधेरे में, मैं अपना सवेरा खुद ले आऊंगा।
13- हम चुप रह गए बस तेरी सोच कर, वरना कहने को बातें तो कई थी मेरे पास।
14- हम अकेले थे नहीं हमे अकेला किया गया है, हम गमगीन थे नहीं हमे गम दिया गया है।

15- ये अपने दूर हो सकते है आसानी से मगर ये अकेलापन बड़ी मुश्किल से दूर होता है जनाब।
अकेला शायरी 2 लाइन
16- लोग आते अकेले होंगे जाते अकेले होंगे, हम तो कम्बख्त रह भी अकेले गए हैं।
17- मुझे गिरा गए ना खुद संभलकर, बहुत बदल गए तुम मेरी दुनिया बदलकर।
18-ज़िन्दगी में ये एक आफत मत पालना, साथ रह लेना भले किसी के मगर किसी की आदत मत डालना।
19- एक परछाई बाकी है बस साथ मेरे, वो भी साथ छोड़ जाती है काली रात में।

20- अपने पास भीड़ सभी रखते हैं मगर भीड़ में अपनापन कोई नहीं रखता।
21- लिखा बहुत कुछ है तेरे लिए तेरे ऊपर, बस कभी बोलै नहीं तुझसे तेरे मुँह पर।
22- जिन्होंने छोड़ दिया था मुझे अकेला मरने के लिए, मैंने उन्ही की बदौलत आज अकेले जीना सीख लिया।
23- छोड़ गए हो जो तुम मुझे तड़प जाने के लिए, याद रखना एक दिन आँखें चालक उठेंगी मेरी एक झलक पाने के लिए।
24- तेरे साथ था जब तो प्यार आता था बस जब अकेला हुआ तो अक्ल आई मुझे।

25- रहना कभी संग तन्हाई के भी सच उससे बेहतर कोई साथी नहीं है।
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26- आवाज़ गूंजती है मेरी खाली कमरे में, मैं ही बोलता हूँ फिर चुपचाप मैं ही सुनता हूँ।
27- मैं कुछ देर चुपचाप क्या बैठ लेता हूँ की तेरी यादें आ जाती हैं मुझे रुलाने के लिए।
28- इन तनहा रातों में बातें मेरी होती होंगी पर उनमे ज़िकर तुम्हारा ही होता है।
उदासी अकेलापन शायरी
29- हर रात अकेली मेरी अकेला हर सवेरा है, अब ना मैं किसी का और ना ही कोई मेरा है।
30- दोनों अलग हो गए फिर हुआ यूँ एक तन्हाई के साथ रहा और दूसरा किसी और के साथ।
31- हम दौलत नहीं जो सभी के मन को भाएंगे, हम अकेले आए थे अकेले ही जानेगे ।
32- ख्वाब बोए थे और अकेलपन काटा है, मत पूछो जनाब इस मोहोब्बत में बहुत घाटा है।
33- तुझसे बेहतर तो ये तन्हाई है, ये तन्हाई में भी मुझे तनहा नहीं छोड़ती।
34- तन्हाई के तराने कुछ इस तरह गुनगुनाता हूँ मैं, खुद की ही सुनता हूँ और खुद ही को सुनाता हूँ मैं।
35- नसीहत मिलती है साथ तो मिलता नहीं, इस ज़िन्दगी के बाबगान में फूल तो खिलता नहीं।
36- अकेलपन इंसान को सबसे अलग बना देता है अकेलेपन की ये बात सबसे अलग है।
37- अकेलेपन से अकेले में बातें कई होती है, बातें पुरानी होती है ग़मों की सौगात नई होती है।
38- अकेलापन काटने को दौड़ता है और तेरी यादें मारने को, ना जीतने को कुछ बाकी रहा ना कुछ बाकी है हारने को।
39- मोहोब्बत बस खता एक थी मगर सजा मिल रही है सौगुना, रात तन्हाई को दोगुना कर देती है और ग़मों को चौगुना।
40- कोई संभल नहीं सकता कुछ इस क़दर गिर रहा हूँ, मैं अकेला नहीं हूँ जो टूटा दिल लिए फिर रहा हूँ।