
1- मोहोब्बत की अदालत में गया था इन्साफ मांगने, अब सजा काट रहा हूँ बगैर गुनाह के मैं।

2- मोहोब्बत वो सजा है ग़ालिब ये उसे मिलती है जो बेगुनाह होता है।

3- झूठे यार बहुत मिल जाते है दुनिया में एक सच्ची मोहोब्बत नहीं मिलती।

4- सब कुछ सही चल रहा था ज़िन्दगी में मेरी फिर एक गलती कर दी मैंने मोहोब्बत नाम की।

5- अब सबसे दूर रहते है किसी को पास नहीं रखते, अब मोहोब्बत पर यकीन नहीं करते मोहोब्बत की आस नहीं रखते।
bewafa shayari in hindi for boyfriend

6- अब कुछ इस क़दर उठ गया है भरोसा मोहोब्बत से, जैसे जनाज़ा उठता है ज़माने से।

7- नाजाने आजकल के चाहने वाले किस किस्म के हैं, मोहोब्बत के मायने यहाँ जिस्म से है।

8- नफरत करने वाले लाख मिल जाते है दिल से चाहने वाला कोई एक ही होता है।

9- हम उसे इतना चाहते है ना चाहकर भी की चाहकर भी हम उसे चाहना छोड़ नहीं सकते।

10- ना अदालत मिलती है और ना मिलती है सुनवाई, मोहोब्बत वो महफ़िल है जनाब जहाँ मिलती है तो बस रुस्वाई।
11- रिश्ते टूटे दिल टूटे ख़्वाब टूटे, बस बरकरार रही तो उसकी यादें।
12- लोग मोहोब्बत कहते हैं हमे धोकेबाज़ी सुनाई देता है, लोग दोस्ती कहते है मुझे मौकापरस्ती सुनाई देती है।
13- इतिहास गवाह है पहली मोहोब्बत हमेशा गलत इंसान से होती है और दूसरी मोहोब्बत सही इंसान से गलत वक़्त पर होती है।
14- मोहोब्बत वो बेवकूफी है जनाब जिसे करने से समझदार भी खुद को रोक नहीं पाते।
बेवफा शायरी इन हिंदी फॉर girlfriend 2 line

15- मैंने सुना था मोहोब्बत करना नेक काम है फिर इतने नेक काम का इतना बुरा अंजाम क्यों भला।
16- शक तो था मोहोब्बत में नुक्सान होगा, पर सारा मेरा होगा ये मालूम ना था।
17- वो चला गया मेरी ज़िन्दगी से मगर, ज़ेहन और दिल पर आज भी उसी का राज है।
18- जैसे वो मेरा है भी वैसे ही उसका भी मोहोब्बत में कोई खुदा हो जाए, फिर उसकी इबादत को भी कोई ना समझे फिर उससे भी कोई जुदा हो जाए।
19- लाज नहीं कोई शर्म नहीं, इन बेवफाई करने वालों का कोई दीन ईमान या धर्म नहीं।

20- सब कुछ हार के अब जान दाव पर लगाने को तैयार बैठे हैं, लाखों गवा चूका है जान मोहोब्बत में लाखों और गवाने को तैयार बैठे हैं।
21- इस दिल पर चल पाता नहीं ज़ोर मेरा, अब मेरे कहने पर नहीं बस तेरी और चलता है दिल मेरा।
22-थोड़ी मोहोब्बत तो उसे भी ज़रूर हुई होगी मुझसे, सिर्फ दिल तोड़ने के लिए इतना वक़्त कौन बर्बाद करता है।
23- ऐ खुदा ये बता तूने मर्ज़-ऐ-वफ़ा क्यों बनाई, और अगर बनाना ही था इस रोग को तो इस रोग की दवा क्यों नहीं बनाई।
24- तेरी मोहोब्बत ने आँखों को मेरी बादल सा बना दिया, ये मंज़र आखिर सा बना दिया है और मुझे पागल सा बना दिया है।

25- मुझे मोहोब्बत से नफरत तब से हो गई जब से मेरी मोहोब्बत को मुझसे नफरत हो गई।
26- तेरी बेवफाई के बाद मुझे तेरा नाम लेने से भी नफरत हो गई थी मगर ये दिल की धड़कनें तेरा नाम लेना बंद ही नहीं करती।
27- शुरुवात में स्वर्ग और बाद में नर्क देती है, बेइन्तेहाँ मोहोब्बत बेइंतेहा दर्द देती है।
28- दर्द हमदर्द से मेरा, अब तो दर्द भी दर्द में है मेरा।
29- अब क्या कहूँ तेरे आने की आस किस आस के जैसी है, यूँ समझ ले ये ज़िंदा लाश के जैसे है।

30- बिछड़े जो आज तो लगता है कभी मिलते ही नहीं, मुरझाए फूलों ये बेहतर है कभी खिलते ही नहीं।
बेवफा शायरी इन हिंदी 2 लाइन
31-कोई और दर्द महसूस नहीं होता इस दर्द के आगे, सारे मर्ज़ फेल है मोहोब्बत के मर्ज़ के आगा।
32- मोहोब्बत को कोसूं या तुझे समझ नहीं आता, तेरी यादें पोछूँ या ये आंसू समझ नहीं आता।
33- मोहब्बत कैसी भी हो कसम से, सजदा करना सिखा देती है।
34- इस सावन बादलों से ज्यादा पानी आँखों में था मेरी, इस सावन रातों से ज्यादा अँधेरा ज़िन्दगी में था मेरी।
35- एक सवाल हमेशा रहेगा ज़ेहन में मेरे, बेवफा लोगों के चेहरे इतने खूबसूरत क्यों होते है।
36- बुराई ये थी की उसके पास चेहरे बहुत था अच्छे ये थी मुझे वो हर हाल में पसंद आता था।
37- उतर जाते है दिल मे कुछ लोग इस कदर उनको निकालो तो जान निकल जाती है।
38- इंतेज़्ज़ार बस वही कर सकता है, जिसकी मोहब्बत सच्ची हो।
39- इम्तेहान-ऐ-मोहोब्बत में अगर pass होना है सनम तो सनम को सनम के पास होना होगा।
40- तुमसे कितनी मोहब्बत है मालूम नहीं मगर मुझे लोग आज भी तेरी कसम देकर मना लेते है।
बेवफा शायरी हिंदी में
1- मैं क्या मानों तुझे अब सनम, मेरी ज़िन्दगी खुद मुझसे रूरतः रखी है।
2- ज़िन्दगी यूँ ही नहीं मेरी खफा सी हुई, की मुझे वफ़ा ही बेवफाहुई।
3- सिर्फ सच्ची वफ़ा खोने में, क्या मिलता है सनम बेवफा होने में।
4- बेवफा हो गई ज़िन्दगी उस दिन से मेरी, जिस दिन से मैंने तुझे जान कहा है।
5- ईमानदारी ये रिश्ते निभाने का हुनर हमने दुश्मनों से सीखा है दोस्तों से तो बस बेवफाई सीखी है।
6- आसान तो नहीं होता होगा सनम, खुद बेवफा होकर दुनिया को बेवफा बताना।
7- तोडा दिल उसने मेरा बड़ी सफाई से, नाजाने कितने क़त्ल किए हैं उसने अपनी बेवफाई से।
8- उसके दिए इन ज़ख्मों की दवा तक नहीं, वो बेवफा है ये साबित करने के लिए मेरे पास उसकवे खिलाफ कोई गवाह तक नहीं।
9- मैं क्यों ना मानू बेवफा इस दुनिया को उस बेवफा को मैंने अपनी दुनिया जो माना है।
10- अपने गुरूर को आज़माने की ज़िद्द थी बस वर्ण मालूम तो हमे भी था बेवफा हो तुम।
11- मत पूछ कितना पानी है आँखों में मेरी, बिना रोए भी ये आँखें नम रहती है।
12- काम उनका इलज़ाम हम पर, खुशिया उन्हें मिली रहा हमारा ठिकाना गम पर।
13- ऐ बेवफा जा तुझे भी किसी से वफ़ा हो और वो भी तेरी तरह बेवफा निकले।
14- उसे हंसी आती थी मुझे रोता हुआ देखकर, उसका क़सूर नहीं था वो बेवफा थी।
15- वो बेवफा है तो क्या मत कहो बुरा उसको, जो हुआ सो हुआ खुश रखे खुदा उसको।
16- जान रहा हूँ कैसा लगता है रहना तबाही में, मान गए बड़ी बेदर्दी मिलती है किसी की बेवफाई में।
17- तू भी वक़फ़े को तरसेगी जब बेवफा तुझे भी बेवफा मिलेगा।
18- उस बेवफा ने हमे साबित कर दिया बेवफा ज़माने में, खैर वो खूबसूरत ही इतनी है उसपर शक कौन करेगा।
19- दिल की बात तो हर कोई करतब है मगर मरते तो सब चेहरे पर ही है।
20- तुझे अपना जहान बनाकर जाना हमने सारा जहान ही बेवफा है।
21- तेरी बेवफाई के किस्से पहले भी सुने थे हमने, हाँ ऐताब अब किया है वो बात अलग है।
22- इस नादाँ दिल को कैसे समझों की जिसे ये खोना नहीं चाहता वो इसका होना नहीं चाहता।
23- ज़हर का सौदा करने वालों से दवा की मांग थी, हमे वफ़ा की बेवफा से मांग थी।
24- हर सितम सहा सनम का हमने, छुपाया ज़ख़्म को जनम से हमने।
25- पहले इश्क़ फिर धोखा फिर बेवफाई, बड़ी तरकीब से एक शक़्स ने तबाह किया है मुझे।
26- उसने वफ़ा को खोया मैंने एक बेवफा को खोया अब ज़माने वाले ही बतादे नुक्सान मेरा हुआ या तेरा।
27- धोका दे दिया मौका मिलते ही, इससे बेहतर तो ये होता की हम मिले ही ना होते।
28- सो बार सोच लेना वफ़ा करने से पहले, आज कल ज़माने में बेहया और बेवफा लोगों की कमी नहीं है।
29- नाज़ुक लगते थे जो हसीं लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले।
30- तेरी बेवफाई के सितम का अब क्या ज़िकर करूँ, मैं तो तबाह हो चूका हूँ अब अपनी क्या फ़िक्र करूँ।
31- उसे जानकार जान सकते हो की बेवफा है वो उसे देखेगा जो भी मोहोब्बत के लाया की कहेगा।
32- उस बेवफा के संग चार दिन क्या बैठा मैं, मेरा तो मोहोब्बत से भरोसा ही उठ गया।
33- उसे बेवफा फिर क्यों ना कहूँ, उसकी वफ़ा की बातें साड़ी झूठी थी।
34- उसे अपनी पलकों पर बैठने वाले भी हम ही थे अब उसे बेवफा कहेंगे तो अपनी नज़र से खुद ही गिर जाएंगे हम।
35- उससे नहीं खुद से खफा है, हमे उससे वफ़ा है जो बेवफा है।