
1- चापलूस आदमी अपने सिवा और किसी का सगा नहीं होता।

2- जो सभी के अज़ीज़ होते है अक्सर वो लोग चापलूस होते है।

3- चाहे सारे ज़माने को दुश्मन बना लीजिए मगर एक चापलूस को कभी अपना दोस्त मत बनाइए।

4- ये झूठपसन्द दुनिया है यहाँ चापलूसों का राज है, चापलूसों की ही नेतागिरी है चापलूसों का ही राज है

5- इस बात में कोई दोराय नहीं की सच बोलने वालों के सबसे ज्यादा दुश्मन और चापलूसी करने वालों के सबसे ज्यादा दोस्त होते है।

6- जिनके मुँह से चापलूसी की चाशनी बहे, समझ लेना वो इंसान जलेबी की तरह सीधा है।

7- झूठो की तारीफें और सच्चों की फरियाब ज्यादा है, इस मतलबी दुनिया में चापलूसों की तादाद ज्यादा है।

8- जों इंसान चापलूसों से घिरा रहता है, वो एक दिन मुसीबतों के दलदल में गिरा रहता है।

9- तुम क्या हो इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता पर अगर तुम चापलूस नहीं तो तुम नौकरी में ज्यादा दिन नहीं टिक सकते।

10- चापलूसी की चार रोटी ज्यादा खाने से बेहतर है की मैं एक वक्र भूखा ही सो जाऊं।
चापलूसों पर शायरी
11- मुसीबतें नज़दीक नहीं आएगी बस तुम चापलूसों से दूर रहो।
12- मुँह पर प्यार पीठ पर वार, यही होती है चापलूस की चाल।
13- मैंने गलती कर दी शायद मेहनती बनकर, लोग चापलूस बनकर मुझसे ज्यादा कमा रहे हैं।
14- एक कला हमने ज़रूरी नहीं सीखी, हमे कोई अपनाता नहीं क्यूंकि हमने जी हुजूरी नहीं सीखी।

15- मेहनत के पसीने से बुझा लेंगे प्यास हम, ये ठोकर चाटना हमारी बस की बात नहीं।
16- मेहनत साड़ी फ़िज़ूल करते है, असल तरक़्क़ी तो चापलूस करते हैं।
17- हम भी किसी के होते आज, अगर हम ंभी चापलूस होते आज
18- मेहनत करने वाला तो बस मायूस होता है, कामियाब वो होता है जो चापलूस होता है।
19- भले फटे जूतों में काट लूँगा मैं सफर ज़िन्दगी का, मगर उसूल है मेरा किसी के तलवे नहीं चाटूँगा।

20- इंसान इंसानियत को छोड़कर चापलूस बन चूका है।
चमचागिरी पर शायरी
21- किसी के आगे चापलूसी में इतना भी मत झुक जाना की लोग तुम्हे गिरा हुआ समझ ले।
22- चलो लेना सीख लेंगे हम भी सहारा झूठ का, अब एक रीश्ता हमारा भी बच जाएगा टूटने से।
23- अपनी ईमानदारी की बीमारी की दवाई क्यों नहीं करते, तरक़्क़ी चाहिए अरे सभी की वाह वाही क्यों नहीं करे।
24- हम मोहोब्बत को अपनी पा ना सके, क़सूर ये था की हमने मोहोब्बत की चापलूसी नहीं।
25- हम ईमानदार है जनाब हमे किसी का खौफ ही नहीं, हमारे जान्ने वाले कम है क्यूंकि हमे चापलूसी करने का शौंक ही नहीं।
26- आग पर हाथ मत रखो, दोस्त बनाने की ख्वाहिश में चापलूसों के साथ मत रहो।
27- पहले उसी जुबां से लोग तलवे चाटते है फिर उसी जुबां से मुफ्त के मिले हलवे चाटते हैं।
28- पहले अपने से बड़े अधिकारी की चापलूसी कर लो, फिर बढ़ी गाडी और बड़ा घर लो।
29- मुँह पर तारीफ पीठ पीछे बुराई, ये कला तुमने कितने दिन तक मुझसे छुपाई।
30- अरे ये कहाँ पड़ गए सच्ची मोहोब्बत के चक्कर में, मेहबूब चाहिए तो चापलूसी करनी होगी।
31- चापलूसों और जालसाज़ों का ज़माना है, पीच पीछे बुराई सभी को मुँह पर अच्छा बताना है।
32- सभी परायों को झूठा अपना बनाकर, क्या फायदा ऐसे भी पैसा कमाकर।
33- मिलने की क्या वजह है, या बताता है कौन कितना सागा है।
34- ये तो सही है की अपने मुसीबत में काम आते है, मगर कुछ अपनों को अपने मुसीबत में ही याद आते है।
35- मुफ्त के मलीदे ठूस लो, आखिर तुम भी चापलूस हो।
36- चापलूसों की चापलूसी में फसना मत जनाब, इतनी झूठी मुस्कराहट देख हसना मत जनाब।
37- क्या अपने और क्या भला यार है, सब झूठे हैं सब मक्कार है।
38- आपका अपना वही है जो सही को सही और गलत को गलत बता दे, जो आपकी हर बात को सही कहे वो चापलूस है।
39- समझ लीजिए वो चापलूस है जो सभी का सगा है।
40- दोस्ती वफ़ा इस दुनिया के बाज़ारों में सब बिकते है, यहाँ चापलूसों के रिश्ते लम्बे टिकते हैं।
41- एक बात जान लेना, चापलूसों को यार बनाना बड़ा है जानलेवा।
42- चापलूसों का मुँह एक जैसा होता है, वो सभी को अपना कहते है।
43- एक बात को देख होती बड़ी मायूसी है, सच्चाई कहीं नहीं है हर तरफ चापलूसी है।
44- एक बात तो तय है अगर तुम सभी के साथ खुश हो, तो इसका मतलब ये है की तुम चापलूस हो
45- हर जगह पर वो जलवे काटते है, आज कल के ज़माने में जो तलवे चाटते है।
46- मुँह पर अच्छे पीठ पीछे बुराई करना, चापलूसों का तो काम ही है जुबां से सफाई करना।
47- अच्छा इंसान सभी के साथ खुश रहता है और चापलूस इंसान सभी को खुश रखता है।
48- जुबां मीठी दिल मैले, चापलूसों के संग रहने से अच्छा है की हम अकेले रहले।
49- सभी को रखते बड़ा खुश हो, क्या तुम भी चापलूस हो /
50- हर वक़्त मुफ्त की रोटी और मुफ्त की शराब, वाह चापलूसों तुम हो बड़े लाजवाब।