1- इंसान धनवान हो ना हो परन्तु चरित्रवान ज़रूर होना चाहिए।
2- आपके चार मित्र आपके चरित्र का बखान करते हैं।
3- चरित्र वो इत्र है जो अगर अच्छा हुआ तो सारे वातावरण को शुद्ध कर देगा ।
4- चेहरा नहीं अपितु चरित्र को महत्वता देनी चाहिए।
5- अच्छा दिखना ज़रूरी नहीं अच्छा होना ज़रूरी है।
6- इंसान अमीर है या दरिद्र ये उसके कपडे नहीं बताता है उसका चरित्र।
7- कपड़ों पर लगे दाग धूल सकते हैं परन्तु चरित्र पर लगा दाग कभी नहीं हटता।
8- चरित्र और दिल बड़ा होना ज़रूरी है घर तो छोटा भी हो तो भी चलेगा।
9- सबकी अपनी अपनी सोच है कुछ रावण में भी गुण देख लेते हैं और राम के चरित्र में भी दोष निकाल लेते हैं।
10- भले व्यक्ति के पास ना घर ना गाडी और विमान हो, पर व्यक्ति चरित्रवान हो।
11- चेहरा झुर्रियों से ढल सकता है परन्तु अच्छे चरित्र पर कभी सिलवटें नहीं आती।
12- चेहरा कैसा था आपका कोई याद नहीं रखेगा परन्तु आपके व्यवहार की चर्चा तो आपके जाने के बाद भी होगी।
13- चेहरा तो बस एक आवरण है असली रूप तो आपका आचरण है।
14- व्यवहार और व्यापार को कभी एक साथ नहीं मिलाना चाहिए इससे रिश्ते खराब होते हैं।
15- अचार विचार व्यवहार और सदाचार यही गुण मिलकर तो मानव को मानव बनाते हैं।
16- हर तरफ नफरत और जलन है आज कल के रिश्तों का यही चाल-चलन है।
17- आपका नामकरण तो बचपन में ही हो जाता है परन्तु आपका दुनिया में नाम होगा की नहीं यह आपका आचरण बताता है। ‘
18- गुणों के आभाव का ही परिणाम होता है बुरा स्वाभाव।
19- बात कद में नहीं किरदार में होती है, आपके आचार आपके व्यवहार में होती है।
20- मीठे स्वाभाव और चापलूसी में फ़र्क़ होता है आज कल समाज में चापलूस ज्यादा हिअ और मीठे व्यवहार वाला लोग कम।
21- चेहरा मिट सकता है आपकी धन दौलत मिट सकती है परन्तु आपका चरित्र और आपका व्यवहार अमिट है।
22- चरित्र पर लगा कर चार सफ़ेद कुर्ते खरीब कर, खुद को साफ़ सुथरा दिखाते हैं लोग।
23- जो दूसरों के चरित्र पर उँगलियाँ उठाते है उनके खुद के चरित्र के सर पैर नहीं होते /
24- मुस्कराहट सभी की सब बयां करती है, कोई अपनी मुस्कराहट से रंग बिखेर रहा होता है तो कोई अपनी मुस्कराहट से रंग दिखा रहा होता है।
25- नीयत और तबीयत ठीक होनी चाहिए बाकी तो सब कुछ खराब भी चल सकता है।
26- आप दूसरों को कैसे देखते हो ये दर्शाता है की आपका चरित्र कैसा है।
27- मीठा स्वाभाव रखो परन्तु किसी की चापलूसी मत करो।
28- इंसान का चरित्र तब दिखता है है जब उसे ईश्वर के सिवाय कोई और ना देख रहा हो।
29- हम चाहे कितना ही बहार घूम लें मगर हमे तमीज में रहना चाहिए।
30- सबसे प्यार से बात करना कोई विकल्प नहीं बल्कि ज़रुरत है।
31- चेहरा आपका बाहरी चित्र होता है चरित्र आपका आंतरिक और असल चित्र होता है।
32- आपका व्यव्हार आदत में बदलता है और आदत चरित्र में बदल जाती है।
33- घर बनने में ज़िन्दगी भर की कमाई लगती है परन्तु अच्छा चरित्र बनने में पूरी ज़िन्दगी लग जाती है।
34- व्यक्ति का व्यवहार उसके व्यक्तित्व की व्याख्या करता है।
35- लिबाज़ कितना भी क़ीमती हो घटिया किरदार को छुपा नहीं सकता।