
1- आसमान की और देखता हूँ टूटे तारे की आस में, की एक चाँद माँगना चाहता हूँ मैं भी अपने चेहरे के पास में।

2- हाल बगैर तेरे बिल्किल वैसा ही है जैसे हाथ का होता है उँगलियों के बिना।

3- जिसकी हंसी कभी रुका नहीं करती थी अब तरसता है वो भी मुस्कुराने को।

4- परेशान हूँ मैं किसी बात को लेकर, कुछ दूसरों से परेशान हूँ कुछ अपने आप को लेकर।

5- सब दलीले तो मुझको याद रही, बहस क्या थी भूल गया मैं।
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6- ज़िन्दगी कहाँ ले जा रही है तू, एक तो रास्ता अनजान ऊपर से ना मंज़िल का पता।
7- तेरी नाराज़गी दूसरों पर निकाल देता हूँ मगर प्यार मैंने तेरे लिए ही बचा कर रखा है।
8- जिस दिन से बात नहीं हुई है तुझसे, सच बताऊँ बोलती बंद है मेरी।
9- हालत हक़ में नहीं इसका गम किसे है अब तू भी खिलाफ है ये परेशानी है।

10- कौन देखता है खुदा की और अब, अब हसरत ही कहाँ कोई बाकी है।
11- मालूम नहीं रास्ते का लेकिन तेरा पता मुझे अच्छे से पता है।
12- तुझे चैन में देख मुझे सुकून मिलता है, यूँ ही नहीं तुझे खुश रखते हैं हम।
13- ख़ुशी के लिए ध्यान रखते थे खुद का, वरना तो हम खुद का भी लिहाज़ नहीं करते हम।
14- तुम दूसरों की सुनकर बुरा मानते हो, हमे अपना मानते हो तो उनकी क्यों मानते हो।

15- तेरे याद आते ही आते है आंसू आँखों में, यूँ ही बर्बाद हो जाते हैं हम बातों-बातों में।
16- चैन मिलता नहीं इस दिल को ये आँखें जब तक तुझे ढूंढ नहीं लेती।
17- गिराकर मुझे मेरा फायदा उठा लिया तुमने, दिमाग का इस्तेमाल कर दिल दुखा दिया तुमने।
18- कुछ यूँ कर के भी मैं ठहरा रहा की मेरा बस कभी चला ही नहीं।
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19- बता देते की तोड़ने के लिए मांग रहे हो दिल, हम तब भी दे देते बस दर्द के लिए तैयार रहते।

20- खामोशी से सुन रहा हूँ खामोशियाँ अपनी, कुछ कहूंगा तो कुछ कहने लगेंगे लोग।
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21- मेरा वजूद क्या है मैं खुद से पूछकर खुद को ही जवाब नहीं दे पाटा।
22- ये जो दिल मेरा टूट कर गिरा पड़ा है सनम, ये भी तुम्हारा ही किया धरा है सनम।
23- शायद सब बदल जाएगा एक दिन, हर दिन इस आस में जी रहा हूँ मैं।
24- ना मुड़कर देखा उन्होंने ना नाम पुकारा हमने, कुछ इस तरह आखिरी मुलाक़ात आखिरी हुई।
25- गिलों को गवाह बनता हूँ मैं अपना ये बताएंगे मैं कैसे टूटा हूँ।
26- जूझ रहा हूँ अपना वजूद तलाशने के लिए, जिस दिन से मुझे तू नहीं मिल रही।
27- कहा क्या मैंने कभी सुना क्या तुमने, कभी खुद के ख्यालों में मेरे लिए भी एक खाब बुना क्या तुमने।
28- सिर्फ मैं ही नहीं मेरी नब्ज़ भी सिर्फ तुझे देख के दौड़ती है।
29- ना मलाल बाकी है ना कोई सवाल बाकी है, बाकी है तो बस तेरा सवाल बाकी है।
30- सुना कहा मैं माफ़ कर देता तेरा, मगर तूने मेरे लिए बुरा सोचा है सनम।