
1- कभी-कभी कोई दूर होकर भी दूर नहीं होता और कभी-कभी कोई क़रीब होकर भी क़रीब नहीं होता।

2- जिस्म के नज़दीक तो सभी आना चाहता है मेरे, मुझे उसकी तलाश है जो मेरे दिल के क़रीब आए।

3- दूरियां जिस्मानी हो ज़रूरी तो नहीं कभी-कभी दिलों के फासले शरीर से ज्यादा होते हैं।

4- दूरियां दरमियान बड़ी जल्दी आ गई, बड़ी देर लगी ये जान्ने में तुम क़रीबी नहीं मेरे।

5- क़रीबी वो नहीं जो घर के पास रहता है क़रीबी वो है जो दिल के क़रीब रहता है।

6- बस मतलब पूरे होने दो जनाब लोग दूरियां बनाने लगेंगे बने बनाए रिश्ते तोड़कर।

7- जब दूरियां बढ़ जाती है तो गलतफहमियों को रास्ता मिल जाता है, फिर जब गलतफहमियों को रास्ता मिल जाता है तो फिर रास्तले बदल जाते हैं।

8- दूरियां और फासले यही है मोहोब्बत के काफिले।

9- मैंने तुझसे दूर होकर शराब से करीबियां बना ली है, तेरे दिए ज़ख्मों की मैंने ये दवा ली है।

10- जिस रिश्ते में दो लोग अपनी अपनी चलाने लगते हैं वो रिश्ता कभी नहीं चलता।
11- फासले या क़रीबियाँ मजबूरियों से नहीं मर्ज़ियों से आती है।
12- जब चाहे अपना बना लो जब चाहे फासले बना लो, आज की वफ़ा को वफ़ा नहीं कह सकते।
13- बड़ी नज़रें हटाकर चलने लगे हो सनम, बड़े फासले बनाकर चलने लगे है सनम।
14- जब फासला बढ़ने लगे तो समझ लेना मोहोब्बत कम होने लगी है।

15- अब क्या करूँ फिर उन्हें अपना बताकर, मेरे क़रीबी ही चलते हैं मुझसे फासला बनाकर।
16- क़रीब आने में मेरे तूने साल लगा दिए, मगर दूर जाने में तूने देर ना लगाई।
17- तुझसे ये दूरियां तुझसे ये फासले, तोड़ देते हैं मेरी हिम्मत तोड़ देते हैं मेरे हौसले।
18- ये शरीर तो तूने दूर कर लिया मुझसे मगर ये यादों को कैसे भुलाओगे सनम।
19- ये जो ज्यादा नज़दीकी बनते हैं इनसे मैं अब दूर ही रहता हूँ।

20- फिर क्यों सब मुझसे दूर ना भागे भला मैं खुद अपने क़रीब नहीं जाना चाहता।
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21- जितनी जल्दी हो सके एक बात जान लो, ज़रूरी नहीं जो क़रीब रहते हैं वो क़रीबी हो और जो दूर रहते हो वो अनजान हो।
22- बहुत क़रीब से देखा है मैंने इस दुनिया को, इस दुनिया से तभी मैं दूर रहता हूँ।
23- दूर से देखो तो सब क़रीबी ही लगता है क़रीब जाकर मालूम होता है सब दूर भागना चाहते हैं।
24- दूर ही जाना था तो क़रीब क्यों आया, मंज़र मेरी ज़िन्दगी में ये अजीब क्यों आया।
25- फ़ासलो को लाने से पहले, पूछ तो लेता एक दफा मुझसे दूर जाने से पहले।
26- यूँ ही नहीं आते फासले बीच में एक को दुसरे से दूर भागना पड़ता है।
27- उनके पीछे भागना छोड़ दिया है मैंने जो मुझसे पीछा छुड़ाना चाहते हैं।
28- अक्सर मुसीबतों की धुप में मैंने रिश्तों की बर्फ को पिघलते देखा है, अक्सर फासलों के फर्श पर मैंने रिश्तों को फिसलते देखा है।
29- खैर अब जाना ही चाहते हो तो जा सकते हो तुम, खुद पर इलज़ाम मत लेना रिश्ता ख़त्म होने में मेरी गलती बता सकते हो तुम।
30- ज़रुरत पड़ने पर नज़दीकियां बना लो पूरी होने पर फिर फासले बना लो, जो झुक रहा हो प्यार में तुम्हारे उसे पूरा दबा दो।
31- तेरी चाहत के सनाग मुश्किलों के काफिले साथ आए, मोहोब्बत में मंज़िल ना मिली मुझे मेरे तो बस फासले हाथ आए।
32- जो मेरे नज़दीक आने से चिढ़ते थे आज कल कहते हैं बड़ा दूर दूर सा रहता है।
33- कमज़ोर था नहीं अब हो गया हूँ मैं, तुझे पाने की ख़ाहिश में खुद खो गया हूँ मैं।
34- अब बेवजह कुछ ना कहा करो मुझसे, झूठे करीबियों थोड़ा दूर रहा करो मुझे।
35- क़िस्मत में लिखी थी दूरियां शायद, वरना तुझे पाने के लिए मेहनत हमने पूरी की थी।
36- फिर हुआ यूँ की फासले कम ना हुए, इतनी कोशिशों के बाद भी मैं और वो हम ना हुए।
37-फासले आते चले गए हम दूर जाते चले गए, गलती दोनों की थी और हम एक दुसरे को गलत बताते चले गए।
38- काफी फ़र्क़ है दूर होना और दूर रहने में, काफी फ़र्क़ है अपना होना और अपने कहने में।
39- मैं जितना क़रीब जाना चाहूँ तू उतना ही दूर भागता है मुझे, तू और मैं चुम्बक के एक पहलू से लगते हैं।
40- लोग पूछते है अब तुम दोनों साथ हो क्या, मैं कहता हूँ जिस्म से नहीं मगर दिल से हाँ शायद।