50 Dukhi Shayari

1- जब मन दुखी होता हैं, तब जिंदगी बोझ जैसी लगने लगती है।

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2- बड़ी शिद्दत से चाहा था हमने उन्हें, और बड़ी शिद्दत के साथ धोखा देने के लिए चुना था उन्होंने हमें।

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3- ये दिल उस दिन सबसे ज्यादा दुखी हुआ जब उनका और मेरा रिश्ता हमेशा के लिए ख़त्म हुआ।

अपनों ने साथ छोड़ दिया शायरी

4- कोशिशे करते-करते थक चुके है हम, इस जिंदगी को अब जरा भी जीना नहीं चाहते है हम।

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5- तेरे सिवा हमारा यहां है ही कौन अब तू मुझसे रूत जाएगी तो अपने गमो को बाटने के लिए मेरा पास बचेगा ही कौन।

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दुखी दोस्ती शायरी

6- सुना था जिंदगी को खुलके जीना चाहिए पर ये नहीं सुना था की जब खुलकर जिंदगी जीना शुरू करते हैं तो लोगो को दिक्कते महसूस होने लगती है।

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7- दुःख मेरी जिंदगी में इतने है की जितने किसी के पास नहीं, ख्वाहिशे इतनी लेकर जी रहा हूँ जिन्हे पूरा करना इस जन्म में तो मेरी बसकी बात नहीं ।

प्यार में दुखी शायरी

8- दुखी मन बस यही कहता है की तू जिस-जिस पर विश्वाश करता है साला वही तुझे दगा देता है।

घर से दुखी शायरी

9- जब रिश्तो में मत भेद बढ़ने लगते हैं तो उस रिश्ते का ज्यादा समय तक कायम रहना संभव नहीं होता।

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10- लगा था पूरी उम्र भर तुम्हे अपना बनाये रखेंगे पर खुदा को शायद इस बात की मंजूरी ना थी।

11- जनाब यहां महोब्बत जरा सोच समझ कर करना किसी से भी, प्यार से ज्यादा दर्द मिलते है यहां।

12- जब किसी पर आँख मूंद कर विश्वाश करने लग जाओ तो उसे जरा भी देर नहीं लगती दगा करने में।

13- दुःख मुझे इस बात का नहीं की तू मेरी जिंदगी से चली गयी बल्कि मुझे दुःख इस बात का हैं की तू फिर से किसी और की जिंदगी तबाह करने चली गयी।

14- हमारे आंसुओं की उन्होंने जरा भी कद्र ना करी, बस एक बहाना बनाया और हमें छोड़ने में उन्होंने जरा भी देर ना करी।

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15- परेशानियों का बोझ मेरे सर पर कुछ इस कद्र आया की मेरी हस्ती खेलती जिंदगी का तहस-नहस होना निश्चित हो गया।

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16- दुःख के बादल जब मेरी जिंदगी में आये तो ना जाने उन्होंने मुझे कैसे-कैसे रास्ते दिखाए।

17- क्या बताऊ यार की किस परिस्तिथि से गुजर रहा हूँ मैं, अपनों के ही छल-कपट को झेल रहा हूँ में।

18- ना जाने ऐसा क्या हो गया हैं की दुखो की बरसात के बादल मेरे घर पर ही बारिश कर रहे हैं।

19- दुःख ने मुझे अपने चारो और घेर रखा है, यहां से बाहर निकलना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा हैं।

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20- इस दिल को अब कैसे समझाऊ की जिससे ये चाहत पाने की उम्मीद लगाए बैठा हैं वो किसी और को चाहती है।

21- बड़ा कमाल करते हो यार तुम, लोगो को दुःख देने में जरा भी पीछे नहीं हटते हो तुम।

22- कैसे बताऊ की क्या हैं हाल मेरे इस दिल का कैसे समझाऊ की घुट-घुट के जी रहा हूँ में अपने हर पल को।

23- जब अपने ही हमें छोड़कर चले जाते हैं तब वो हमसे हमारी खुशियां भी छीनकर ले जाते है।

24- अब तो बस गमो के साथ ही उठना-बैठना होता है इनके सिवा मेरा और किसी से मिलना नहीं होता है।

दुखी शायरी हिंदी
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25- दुखी दिल का बस एक ही इलाज़ हैं की इसको फिर किसी से दिल लगाने की अनुमति ना देना।

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26- काश एक ऐसा दिन आये जिस दिन मेरी जिंदगी के सरे दुःख छू मन्त्र हो जाये।

27- अच्छा या बुरा होना ये तो रब के हाथ में लेकिन अपने दिल को उदास ना होने देना ये तो हमारे हाथ में है।

28- जब आत्मविश्वाश का नाश हो जाता है तब मन सबसे ज्यादा दुखी हो जाता है।

29- दुःख आएंगे और चले जायेंगे बस इनका सामना करने की हिम्मत जुटाए रखना सीख जाओ।

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30- इस जिंदगी से तो हमें वैसे ही रोज इतने दुःख मिलते हैं थोड़ा अगर तुम भी दे दोगे तो कुछ खास बिगड़ेगा नहीं हमारा।

31- बहुत समझाया इस दिल को लेकिन माना नहीं, फिर से किसी और को चाहने की मांग करी और फिर से प्यार पाया नहीं।

32- अक्सर वही शक्श धोखा देकर जाता हैं जिस पर हमें खुद से भी ज्यादा विश्वाश होता है।

33- खुशियां मिले जमाना हो गया है, लगता हैं अब दुखो से ही मेरा हमेशा के लिए याराना हो गया है।

34- जिंदगी के सफर में साथ केवल वही लोग देते हैं जो आपकी कद्र करते है।

35- आज नहीं तो कल जख्म भर जायेंगे, तुम्हारी जिंदगी में जितने भी दुःख हैं वो तुमसे कोसो दूर चले जायेंगे।

36- तेरे बिन खुश तो नहीं हूँ मैं, पर जैसा भी हूँ पहले से बेहतर हूँ मैं।

37- अपनी ख्वाहिशो का गला तो मैंने उसी दिन घौट दिया था जिस दिन मेरे कंधो पर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया था।

38- मुश्किलों से लड़ना आसान हो जायेगा अगर आपका दुखी मन फिर से हस्ता खेलता हो जायेगा।

39- जब से तू मुझे छोड़कर गयी है तब से मैंने तन्हाई में ही अपनी हर रात काटी हैं।

40- अब तो बस खुद के संग खुद ही रहते हैं हम, मत पूछो कितना दुखी रहते हैं हम।

41- हाल पूछकर वक़्त जाया मत कीजिएगा, जान लीजिए की दुखी है हम।

42- प्यार जताते जताते जज़्बातों की दूकान लग गई है, मैं और नहीं चल सकता मोहोब्बत के रास्ते मुझे थकान लग गई है।

43- तेरे दिल से निकाले जाने के बाद, अब दुःख में रहते हैं और खुद में रहते है।

44- चलो इस बात की तो ख़ुशी है की उन्हें ख़ुशी तो मिली हमे दुखी कर के।

45- अब आइना नहीं देखते हम, अब भला खुद को दुखी क्यों देखना चाहेगा।

46- दुखी इंसान और क़र्ज़ में डूबे किसान का कोई नहीं होता।

47- आंसुओं के समंदर बहकर हम तो ग़मों में दुखों में डूबे रहते हैं।

48- खुद की हालत के ज़िम्मेदार खुद ही है हम, ऐ ज़िन्दगी मगर तुझसे बहुत दुखी है हम।

49- बादल दुखों के छटते ही नहीं, यूँ ही नहीं आँखों के आसमान से बारिश गिरती है।

50- मैं तो खामोश रहता हूँ फिर मेरा दुख समझ आएगा कैसे, मैं तो हस्ता रहता हूँ फिर मेरा दुःख नज़र आएगा कैसे।

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