
1- तुझे हक़ जताने की ज़रुरत नहीं मुझपर, बस जान ले की हम तेरे है सनम।

2- जान ले की तू जान है हमारी, तेरा चले जाना जान चले जाने के बराबर है।

3- तेरे चले जाने के बाद हम जिन्दा तो रहेंगे मगर जान ना रहेगी हम में।

4- कभी-कभी सोचता हूँ तुझे दोस्त बनाकर कहीं अपनी जान का दुश्मन तो नहीं बन गया मैं।

5- अपना रब अपना खुदा अपना भगवान् मानते हैं, वो जानते ही नहीं हम उन्हें अपनी जान मानते हैं।
मेरी जान हो तुम शायरी
6- तू जान तू ही दिल तू ही ज़िन्दगी है मेरी, तुझसे दूर कहाँ जाऊंगा तू ही तो बंदगी है मेरी।
7- मुझ बेज़ुबान की जान हो तुम, मैं मुर्दा हूँ तुम्हारे बगैर मेरी जान हो तुम।
8- लगती है हमे अपनी तौहीन की तरह, तुम चाँद के रूबरू ना हुआ करो।
9- तेरी बाहों में पनाह पाने की खाव्हिश है मेरी, सोच कितना बेपनाह चाहते हैं तुझे।

10- तू जान है हमारी तेरे बिना बेजान है हम।
11- मेरे सच्चे प्यार की पहचान हैं तू, मेरे दिल में रहने वाली मेरी जान हैं तू।
12- पूछती है ना तू मैं चली जाउंगी तो क्या होगा, तू चली जाएगी तो हमारी जान चली जाएगी।
13- तेरे होने से वजूद है हमारा, तू नहीं तो हम कुछ भी नहीं है।
14- तुझे चाहते हैं हम दिल-औ-जान से हम, तू सबूत मांगने की कोशिश ना कर।

15- जान के खिलाफ जाकर तुझे जान माना है मैंने, खुद को कुछ नहीं तुझे जान माना है मैंने।
16- जैसे में समझता हूँ तुम्हारी बातें तुम मेरी बात समझते ही नहीं, जैसे मैं मानता हूँ जान तुम्हे तुम मुझे जान समझते ही नहीं।
17- तुझे जान मानते हैं हम तू जाएगी तो जान से जाएंगे हम।
18- मिला क्या तुझपर जान निसार कर के, सिर्फ नफरत आई हक़ में मेरे तुझे प्यार कर के।
19- ज़िकर होगा हर ख्याल हर सवाल में तेरा, प्यार कम ना होगा जान हर हाल में मेरा।

20- यूँ तो एक ठिकाना मेरा भी है मगर तेरे बिना मैं लापता सा महसूस करता हूँ।
apni jaan ke liye shayari
21- तेरी बात ज़रूरी है हमारे लिए हर बात से ज्यादा, चाहते हैं हम तुम्हे जान से ज्यादा।
22- कभी कभी सोचता हूँ की तुझपर मोहोब्बत का दाव लगाकर मैंने अपनी जान की बाज़ी तो नहीं लगा दी।
23- मैंने जान लगा दी तुझे जान बनाने में और वो पूछती है मैंने किया ही क्या है उसके लिए।
24- रूठा ना करो तुम मेरी जान मुझसे, मेरी क़िस्मत रूठ जाती है जब तुम रूठ जाती हो।
25- मत पूछ तुझे कितना प्यार करते हैं हम, अपने ख्यालों में भी तेरा ख्याल रखते हैं हम।
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26- तेरे बगैर हम ज़िंदा तो रहेंगे मगर हमारी कोई ज़िन्दगी ना होगी।
27- यूँ ही नहीं तेरी हर बात मानते हैं हम, तू जानती नहीं तुझे जान मानते हैं हम।
28- जान गवा देंगे तेरे लिए जानेमन, हमे अपनी नहीं बस तेरी फ़िक़र है।
29- यूँ ही नहीं मिलने को बेकरार रहते हैं हम, की तुझसे मिलकर हमे सुकून मिलता है।
30- मुझे किसी के बदल जाने का गम नहीं, बस कोई था जिसपर खुद से ज्यादा भरोसा था।
31- रात रात ना होगी दिन दिन ना होगा, तेरे बगैर जीना भी कोई जीना होगा।
32- ये दिल तेरा ज़िन्दगी तेरी तेरी ही जुबां है, मुआएना कर ले हर चीज़ का सब पर तेरा ही नाम है।
33- जान ले की तू जान है हमारी, नहीं तो यक़ीन दिलाने के लिए हम अपनी जान से जाएंगे।
34- जान-ऐ-जिगर जान-ऐ-जहाँ हो तुम, मेरी दुनिया वहीँ है सनम जिस वक़्त जहाँ हो तुम।
35- मेरी जान ले लेते हो तुम, जब मुझे अपनी जान कहते हो तुम।