
1- काफी कुछ खो जाता है एक कामियाबी को पाने में, कई रातें लगती है अपना दिन लाने में।

2- नींदें जलाकर ख़्वाब रोशन किए हैं मैंने, यूँ नहीं नहीं मेरे घर उजाला हुआ है।

3- हर किसी की आँखें खुल जाएंगी, मेरे ख़्वाब कुछ इस क़दर हकीकत होंगे।

4- ख़्वाब आते सभी को है मगर सब उन्हें पूरा नहीं कर पाते।

5- ख़्वाब मेरी हैसियत से बड़े हो सकते है मगर मेरे हौंसलों के आगे उनका कद अभी छोटा है।
6- उतरता नहीं सर से वो आब है, तू मेरी ज़िन्दगी है ज़रुरत है तू ह मेरा ख़्वाब है।
7- सारी रात ख़्वाब देखता रहा, सुबह ख़्वाब मुझे देखकर पूछने लगा जाऊं या बरकरार रहूँ।
8- हर एक ख़्वाब सो रहा है मेरा और एक नसीब है की जागता ही नहीं।
9- क्या ख्वाब सच भी होते हैं या फिर वो भी छलावा है एक इन रिश्तों की तरह।

10- मैंने खूबसूरत एक ख़्वाब देखा था, उस ख़्वाब से मेरी बदसूरत ज़िन्दगी देखी नहीं जा रही।
11- या तो ख़्वाब पूरे होते हैं या फिर नींद।
12- ख़्वाब का टूटना एक आम सी बात हो चुकी है, एक और ख़्वाब देख लू काफी रात चुकी है।
13- कुछ ग़मों पर खुलकर नहीं रो सकते, कुछ ख़्वाब कभी हकीकत नहीं हो सकते।
14- अपनी आँखों से देखे ख़्वाबों को अपने हाथों से मारा है मैंने।

15- खाली है बिलकुल खाबों की थाली मेरी, मैं तसल्ली से अपना पेट भर रहा हूँ।
16- आँखें भारी है ख़्वाबों का वजन काफी है, कंधे भी ढीले नहीं उन पर ज़िम्मेदारियों का वजन भारी है।
17- सुकून की ज़िन्दगी भी ख़्वाब लगने लगी है, अब मौत की ख्वाहिश है ज़िंदगी बर्बाद लगने लगी है।
18- सोने से पहले तू ख्यालों में और सोने के बाद तू ख़्वाबों में, तू मेरी सुबह में तू मेरे दिन और मेरी रातों में।
19- ख़्वाब धुआं है सिर्फ इसे बादल मत समझना, इनसे बारिश नहीं होती बस आँखें भीगती है।
20- ख़्वाब और नींद नाराज़ है मुझसे, आज भी आने नहीं देता उन्हें इन आँखों में तेरी यादों से पहले।
21- आरज़ू और ख़्वाब कभी पूरे नहीं होते, इन्हे जितना जल्दी समझ लो उतना जल्दी समझदार हो जाओगे।
22- ख़्वाब की खाद ही मंज़िलों की फसलों को उगाती है।
23- बिना मर्ज़ का एक घाव लगा है मुझे, कभी ना पूरा हो ऐसा ख़्वाब लगा है मुझे, जैसे तलब लगती है शराब की कुछ ऐसा तेरा लगाव लगा है मुझे।
24- ख्वाब पूरे जरूर होंगे अगर तुम्हारे हौसले तुम से भी ज्यादा बड़े होंगे।
25- ख़्वाबों में आते हो यादों में आते हो फिर ज़िन्दगी में आने में क्या हर्ज़ है।
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26- खुद रुसवाई कर हमे बेवफा बताते हैं, खुद तो चैन से सोते हो और हमे जागते हो।
27- ज़िम्मेदारियों ने क़त्ल किया है ख्वाबो का मेरे, फिर मुझे बुझदिल बताकर बदनाम भी किया है।
28- नींद पूरी कर लो या फिर ख़्वाब फैसला तुम्हारे हाथ में, मेहनत कर लो या फिर सिर्फ बात फैसला तुम्हारे हाथ में है।
29- ये किले ख़्वाबों के रेत से बाकी और कुछ नहीं, तुझे देखने की ख्वाहिश मृगतृष्णा से बाकी और कुछ नहीं।
30- कभी कभी लगता है ख़्वाब पर भरोसा करना चाहिए और कभी लगता है।
31- ख़्वाब में सब ठीक होता है और हकीकत में सब कुछ खराब, खाब आते है मगर पूरे नहीं होते ये भी अजीब अज़ाब है।
32- बस उतना ही फ़र्क़ है ख़्वाब और हक़ीक़त में जितना फ़र्क़ होता है मदद और नसीहत में।
33- ख्वाब जो देख था संग तेरे वो भी टूट गया, हाथ जो पकड़ा था वो भी छूट गया।
34- एक ख़्वाब गया मेरे संग रात बिताकर, टूट गया वो भी मुझे ख्वाब दिखाकर।
35- हर ख़्वाब में एक ही शक़्स नज़र आता है मगर वो शक़्स कभी हकीकत में नज़र नहीं आता।
36- खाब सारे ख़ाक में मिल गए, मोती आंसुओं के सारे आँख में मिल गए।
37- मेरे अपने मेरे सपने थे, अब ना अपने रहे ना सपने रहे।
38- ज़िम्मेदारियों ने आइए एक तमाचा मारा है, की आँखों से टूट कर गिरे है जो भी सपने सजे थे।
39- ख़्वाब में तो तुम मेरे हो ही हकीकत में कब आओगे, ज़िन्दगी एक ख़्वाब बन जाएगी मेरी तुम हकीकत में जब आओगे।
40- अमीरों ने देखे होंगे ख़्वाब हकीकत होते हुए, मैंने तो खाब ख़ाक होते देखे हैं।