75 Maut Shayari

Maut shayari
Maut shayari in hindi

1- इंसान उस दिन ही मरने के लायक हो जाता है जिस दिन वो पैदा हो जाता है।

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2- अब मौत से कह दो की नाराज़गी ख़त्म कर दे, वो बदल गया जिसके लिए ज़िंदा थे हम।

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3- तुझसे पहले तुझसे भी रईस बहुत आए, मगर कोई इतना रईस ना हो सका जो मौत को खरीद पाए।

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4- गम मिलें है तो मौज भी मिलेगी, ज़िन्दगी मिली है तो मौत भी मिलेगी।

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5- अब और तेरी याद आए इससे बेहतर है की तू आए या फिर मौत आए।

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6- इंसान कितना ही तेज़ दौड़ ले ज़माने में वो मौत को मात नहीं दे सकता।

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7- ना मोहोब्बत मिल रही है ना मौत मिल रही है, बिना खता के बस सजा मिल रही है।

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8- तेरे दिल के निकाले अब कब्र ढूंढ रहे हैं, क्यों हुआ खुदा से ये हश्र पूछ रहे हैं।

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9- इससे पहले मुझे मौत देखनी पड़े, देख ले एक बार मुझे जीते जी।

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10- कुछ ऐसा हाल अपनी ज़िन्दगी का कर चुके हैं, जिसके लिए जी रहे हैं उसके लिए मर चुके हैं।

11- जान्ने वाले बहुत मिले मगर एक दोस्त न मिला, ना वफ़ा को चिठ्ठी मिली ना मौत का पैगाम मिला।

12- ख़याली पुलाव पर फैले अरमानों के रायते हैं, ज़िन्दगी ये कैसे नियम तेरे ये कैसे कायदे हैं।

13- सुनाई दे रहा है की आज कल वो बहुत से मिलने जा रहे हैं, एक हम है जो उससे बिछड़कर मौत से मिलने जा रहे हैं।

14- दिल तो टूट गया ही है अब ये सांसें भी उखड गई तो कोई गम नहीं होगा।

किसी के मर जाने पर शायरी

15- नींद आती नहीं और तेरी याद जाती नहीं, ना तू आती और फिर ये मौत भी तो आती नहीं।

16- मौत का कोई इलाज नहीं है।

17- तेरे इंतज़ार में बैठे रहे ज़िन्दगी भर, तू तब आ रहा है जब सामने मौत खड़ी है।

18- जो आए नहीं देखने हमारा हाल जीते जी, उम्मीद है हमारी मौत पर हमे मरा हुआ देखने ज़रूर आएँगे।

19- एक कायदा खुदा ये भी करता क्यों नहीं, जो डूबा हो गम के दरिया में वो मरता क्यों है।

किसी के चले जाने पर शायरी

20- आज मौत के सौदागरों ने मुझे ये कहकर छोड़ दिया, जाने दो इसे ये तो पहले से ही मरा हुआ है।

21-ना दुआ माँगूँ मैं ना अब मैं दवा पूछूं, मिले जो खुदा इस दफा मुझे तो फिर मैं मौत का पता पूछूं।

22- मौत के मायने सभी के लिए अलग है जनाब, कोई मरकर भी ज़िंदा है और कोई जीते जी ही मर चूका है।

23- जीते जी कोई बैठेगा ना साथ मेरे तब सब साथ खड़े होंगे जब मेरे जनाज़ा उठेगा।

24 – अब इस जिंदगी से मेरा मन भर रहा हैं कसम से अब मौत की दुआ मांगने का मन कर रहा है।

छोड़कर चले जाने वाली शायरी

25- उजाड़ देती है सब कुछ, कुछ भी सजा कर नहीं जाती, मौत और तकलीफें कभी बताकर नहीं आती।

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26- सच नंगा होता है उसका लिबाज़ नहीं होता, मौत वो बीमारी है जनाब जिसका कोई इलाज़ नहीं होता।

27- रुस्वाइयाँ बेचैनियां इश्क़ के बदले में बोहोत मिली, सुकून तब मिला जाकर जब मुझे मौत मिली।

28- हम जी रहे हैं चाहत के लिए जिनकी मौत आती है उन्हें चाहने में हमे।

29- ज़िन्दगी से तो खैर शिकवा था ही मौत ने भी हमे मुद्दतों तरसाया है।

30- कटघरे में रही ज़िन्दगी ताउम्र नाजाने ख्वाबों की सूली चढ़ी है।

31- तेरे दिल से निकलकर जा रहा हूँ मैं मौत के मुँह में सनम।

32- दो ही चीज़ों की चाहत रखी है आज तक एक पहले तुझे चाहा था और एक अब मौत चाह रहा हूँ।

33- मैं तो कहता रहूंगा भले एक ना सुनोगी तुम, मेरी जान निकलने तक मेरी जान रहोगी तुम।

34- ना जीने की ख्वाहिश ज़िंदा ना मौर का डर बाकी।

35- ज़िन्दगी के आखिर में सब कुछ ठीक इसीलिए हो जाता है क्यूंकि ज़िन्दगी के आखिर में मौत आती है।

36- तुझे जान बनाकर मैंने खुद को ही खुद की जान का दुश्मन बना लिया

37- सर पर मेरे मुसीबत की आग़ोशी का बादल है, जीते जी मौत और उसके ऊपर खामोशी का मातम है।

38- दो गज ज़मीन सही मेरी मिलकियत तो है, ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।

39- मौत अंजाम-ऐ-ज़िन्दगी है मगर, लोग मरते हैं यहाँ जीने के लिए।

40- लेता दो मुझे क़फ़न में आराम से, अब मर कर ही मैं चैन की सांस लूँगा।

Death Shayari

1- मरने की ख्वाहिश हो जिसकी भी जीते-जी उसे तुझे अपना यार बना लेना चाहिए।

2- ज़िम्मेदारियाँ सपनों को मार देती है, ज़िन्दगी तब जीते-जी मार देती है।

3- मरने की ख्वाहिश किसे होती है यारों मगर फिर भी मौत कहँ किसी को छोड़ती है यारों।

4- मौत आती भी उसे ही पहले है जिसे मरने का खौफ ज्यादा होता है।

5- जो वजह है मेरे तिल-तिल मरने की, ेरी मैय्यत पर वो भी आंसू बहाएंगे।

6- जीते जी उसके साथ सब बुरा करते रहे, जिसके मरने के बाद बोला जा रहा है अच्छा आदमी था।

7- क़दर करने वाले जीते-जी नहीं मिलते, और मरने के बाद कोई बेक़द्री नहीं करता।

8- वो शक़्स फिर ज़िंदा कैसे रहे भला, जिसकी ख्वाहिशें ही मर चुकी हों।

9- मैंने कैसे मारता फिर उन्हें अपने हाथ से भला, मुझे मारने वाले भी मेरे अपने ही थे।

10- जीते जी जो मेरी मौत की दुआ कर रहे हैं मेरे मरने के बाद बोलेंगे भगवान् इसकी आत्मा को शान्ति देना।

11- ऊपर वाला सब देख रहा है उसे कुछ सुनना नहीं पड़ता, मौत और वक़्त खुद आते है इन्हे किसी को बुलाना नहीं पड़ता।

12- जीते जी कोई आपका साथ दे ना दे मरने के बाद सभी आपके हक़ में बोलेंगे।

13- बरसात धुप से छुपा जा सकता है मगर मौत और बुरा वक़्त से कोई नहीं छुप सकता।

14- भुला देते हैं लोग जिन्हे जीते-जी वो याद बदास आते हैं मरने के बाद।

15- सब कुछ आपका है हमारे रिश्ते में, मगर ज़िन्दगी आपके हक़ में मौत हमारे हिस्से मैं ।

16- इसी बाते से जान लो मिलने को बेक़रार कितना हूँ की मौत को खुद मैंने अपना पता भेजा है।

17- ज़िन्दगी भर यूँ ही लड़ने के बाद याद करोगे तुम मुझे मेरे मरने के बाद।

18- ज़िन्दगी चीखती रही ताउम्र तेरे आगे तूने मरने के बाद मुझे सुन्ना शुरू किया।

19- तुझे ज़िन्दगी बनाने के बाद अब पूछते हैं मौत से तू कब आएगी।

20- मौत का मंज़र भी कितना हसीं होता होगा, जो मारा है उसके सिवाय उसके लिए हर कोई रोता होगा।

21- अब प्यार बाकी ना रहा ज़िन्दगी से, मैं मौत को याद करता हूँ खुदा की तरह।

22- पहली सांस लेने का हक़ जब शक़्स को हासिल हो जाता है, वो शक़्स उसी वक़्त से मरने के क़ाबिल हो जाता है।

23- मौत मांगती नहीं पता किसी का वो ढूंढ लेती है हर हाल में।

24- मैं वो शक हूँ जो ज़िंदा हूँ बहार से, अंदर से तो मुझे कब का मार दिया प्यार ने।

25- मरते दम तक उसे याद करेंगे हम, जो हमारे मरने के बाद शायद हमे याद करेगा।

26- तुझसे बिछड़ जाने के बाद सनम सिर्फ मौत से मिलने की ख्वाहिश की है मैंने।

27- देखते हैं अब हम भी पहले तुम आते ो या फिर मौत।

28- मौत भी मुस्कुरा कर बक्श गई मुझे, कहने लगी अब मुर्दे को क्या मारें।

29- वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यक़ीन फिर हुआ यूँ की हमे मर के दिखाना पड़ा।

30- अब जो तू आ नहीं रहा है तो तुझ तक खबर ज़रूर आएगी मरने की मेरी।

31- बेक़द्री की ना कोई कसर बाकी रही, ना मुझे जीने की कोई ख्वाहिश रही जब से तुझे मेरी क़दर ना रही।

32- मौत और ज़िन्दगी के बीच बस एक हादसे का फासला होता है।

33- क़र्ज़ होता तो उतार भी देता कम्बख्त इश्क़ था चढ़ा ही रहा।

34- बेच दी ना ज़िन्दगी मेरी खुद को मेरी जान बनाकर, सनम तू भी सौदागर कमाल का था।

35- ज़हर पीने से भी भला कहाँ मौत आती है, मर्ज़ी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए

36- आदमी चलना सीखने से पहले से ही मौत की और चलना शुरू कर देता है।
37- दिक्कतें मिली है तो मौज भी मिलेगी, ज़िन्दगी मिली है तो मौत भी मिलेगी।
38- ज़िन्दगी मिलने के बिलकुल बाद ही इंसान मौत से मिलने के लायक हो जाता है।
39- जीने से मरने तक के सफर को ही तो ज़िन्दगी कहते हैं।
40- ज़िन्दगी से पीछा छुड़ाओ चाहे ना छुड़ाओ मौत से सामना तो सभी का होना है।

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