Nafrat Shayari

Nafrat Shayari
Nafrat Shayari in hindi

1- मोहोब्बत ही तो तलाशनी पड़ती है जनाब, नफरत तो हर नुक्कड़ पर नज़र आ जाती है।

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2- मोहोब्बत में यादें आती है मगर नफरत भूलना आसान कर देती है।

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3- जो लायक नहीं थे नफरत के हमारे हम उन्हें बेशुमार प्यार दे बैठे।

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4- नफरत हो जाएगी एक दिन तुम्हे खुद से, जब मुझसे ज्यादा तुम्हे चाहने वाला कोई और नहीं मिलेगा।

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5- मोहोब्बत ही वो रबड़ है जनाब जो नफरत के अलफ़ाज़ को इस दुनिया से मिटा सकती है।

6- अब किसी और से मोहोब्बत की क्या आस रखूँ मैं, मुझे तो खुद ही खुद से नफरत है।

7- ये भी एक बेतुकी सी हसरत है, हमे उनसे मोहोब्बत की आस है जिन्हे हमसे नफरत है।

8- मोहोब्बत दिखावा है दुनिया का नफरत जिसकी हकीकत है।

9- जब मोहोब्बत करने वाला ही नफरत करने लगता है, तब मोहोब्बत से ही नफरत हो जाती है।

नफरत पर शायरी

10- इतना भी नज़रअंदाज़ ना कर मुझे सनम, की तेरी और देखने से ही मुझे नफरत हो जाए।

11- कैसे ये मुझे क़ुदरत मिली है खुदा, मुझे मोहोब्बत से ज्यादा नफरत मिली है खुदा।

12- नफरत के नक़्शे क़दम पर चल रही है दुनिया फिर कहती है मोहोब्बत का मंज़र कहीं मिलता नहीं।

13- तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो, मैं प्यार का इस्तीफा ज़िन्दगी भर नहीं दूंगा।

14- ज़माना वो भी था तुम ख़ास थे जब, ज़माना ये भी है की तेरा ज़िकर तक नहीं।

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15- मोहोंब्बत हो सकता है एक बार को ना दिखाई दे मगर नफरतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

16- मोहोब्बत मिलती होगी पुराने ज़माने में, आज कल तो हर तरफ बस नफरत पाई जाती है।

17- कहाँ से लाते हो इतनी नफरत मेरे लिए मैं तुम्हारा चाहने वाला हूँ कोई दुश्मन तो नहीं।

18- वो और मैं एक से ही थे, मैंने उसके सिवाय आज तक किसी को प्यार ना किया उसने मेरे सिवाय किसी को नफरत नहीं दी।

19- नफरत का नज़ारा हर और देखने को मिल जाता है, महोब्बत का मंज़र गुमनाम है कहीं।

दुनिया से नफरत शायरी

20- ना नफरत पाली गई ना मोहोब्बत संभाली गई, अफ़सोस है उस ज़िन्दगी का जो तेरे पीछे खाली गई।

21- मुझे मोहोब्बत से ज्यादा नफरत पसंद है कम से कम लोग नफरत दिल से तो निभाते हैं।

22- नफरत है मुझे मेरी ज़िन्दगी से जिसमे तेरा आना जाना नहीं, और मोहोब्बत है मुझे उन ख्यालों से जिनमे से तू कभी जाता नहीं।

23- मोहोब्बत ना सही नफरत की कर ले तू हमसे, gaali dene के bahane ही सही तू मेरा naam तो legi।

24- नफरत हो गई है मुझे मोहोब्बत से उस दिन से जिस दिन से तुझे मुझसे नफरत हो गई है।

25- मांग मोहोब्बत की ज्यादा है और बिक नफरत ज्यादा रही है, ये दुनिया कसम से खूबसूरत कहलाने के लायक नहीं है।

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26- मोहोब्बत एक दफा फिर हो जाएगी हमे हमसे ही, एक बार बस तुझसे नफरत करना सीख loon मैं।

27- मैं वो समंदर हूँ जिसकी लहरें भी उसका साथ छोड़ना चाहती है।

28- तुझसे मोहोब्बत की आस में मुझे खुद से नफरत हो गई, तुझे पाने की ख्वाहिश में अब खुद को मिटाना मेरी हसरत हो गई।

29- यूँ ही नहीं हम अपने नफरत करने वालों को चाहता हैं, नफरत का रिश्ता लोग शिद्दत से निभाते हैं।

30- मोहोब्बत को पनाह नहीं मिलती एक मकान तक में, और नफरत है की अपने शहर बसाने में लगा हुआ है।

31- ना मेरा प्यार कम हुआ ना उसकी नफरत, दोनों अपना फ़र्ज़ अदा करते रहे ।

32-मोहोब्बत खोने का डर यूँ ही नहीं मुझे, की ताउम्र मुझे नफरत मिलती रही है।

33- नफरत वो आग है जो दूसरों से ज्यादा खुद को जलाती है।

34- नफरत बढ़ रही है कुछ इस क़दर बाज़ारों में, की मोहोब्बत का वजूद भी अब खतरे में आ गया है।

35- जब फ़िक्र करता था तो मेरा ज़िक्र भी नहीं करते थे अब नफरत करता हूँ तो तुम्हे मुझसे मोहोब्बत हो गई।

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