
1- सोचा ना था की जिनसे रोज़ मुलाक़ात होती थी वो भी एक दिन हमे भूल जाएंगे।

2- देखता हर कोई है मदद कोई नहीं करता, ये ज़िन्दगी भी कम्बख्त तमाशे सी हो गई है।

3- ज़माना पत्थर दिल है जनाब वो पिघलता नहीं आँखें नम होती देख।

4- चेहरे ही इतने पहनते है लोग फिर क्यों ना कहूँ हर शक़्स एक रावण है।

5- फिर क्यों ना रहे आँखें नम ये, मेरी ज़िन्दगी और जेब दोनों खाली है।
6- मुझे दुनिया के खिलाफ होने का कोई गम नहीं गिला तो इस बात का है की अपने भी साथ नहीं देते।
7- वजूद इस क़दर खो गया है मेरा की हर सुबह मुझ से पहले मुझ पर सवाल उठते हैं।
8- तू ही मेरी ज़िन्दगी थी सनम, अब तुझ पर लिखूं या ज़िन्दगी पर बात तो एक ही है।
9- सीख मिलती है बेहतरीन सी एक, की हादसे होना भी कोई बुरी बात नहीं।

10- नींद फरार है आँखों से मेरी, कम्बख्त बड़े ख्वाब मुझे सोने नहीं देते।
11- ना जाने कब अपनों की बद्दुआ क़बूल हो जाए, इसी वजह से मैं क़फ़न सिरहाने रख कर सोता हूँ।
12- अपनों की खुशियों के लिए कई ख्वाहिशें मारी है मैंने, अपनों को चैन की नींद देने के लिए कई ख्वाब मारे हैं।
13- दिन बचे है काफी कम ज़िन्दगी में, फिर भी गम नहीं होते कम ज़िन्दगी के।
14- पैसे स्कूल को दिए लाखों मगर सिखाया मुझे ज़िन्दगी ने।

15- ज़िम्मेदाइयों के चलते करनी पड़ रही है नौकरी वरना हम भी मालिक बनने के ख्वाब देखते हैं।
16- कुछ ऐसा हाल है, बुरी ज़िन्दगी और बुरा ख़याल है।
17- खुशियों के बाज़ार में भी गम से ही सामना होता है।
18- बुरा वक़्त अब मेरा साया बन चूका है, की वो भी अब मेरे साथ साथ चल रहा है।
19- ज़िन्दगी आधी बीत गई ख्वा बअभी तक पूरे नहीं हुए, हम तेरे ना हुए तुम मेरे ना हुए।

20- नज़र अब कोई आस नहीं आती, अब कोई वफ़ा मुझे रास नहीं आती।
21- तुझे पाकर देख चूका मैं अब तलाश मुझे मेरे मैं की है।
22-सिर्फ खामोशों को सुनाई दे मैं वो आवाज़ हूँ मैं, सब कुछ बताने के बावजूद भी राज़ हूँ मैं।
23- सब कुछ पाकर भी तुम ना मिली तो फिर पाया क्या, सब कुछ खो कर भी तुम को पा लिया तो फिर खोया क्या।
24- ख्वाहिश नहीं तुझे पाने की बस तू मुझसे यूँ ही मिलते रहे।
25- खुशियों की तलाश पूरी हो जाएगी उस दिन जिस दिन तू मुझे मिल जाएगी।
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26- ख्वाहिश के सिवाय जीने की कोई वजह भी तो नहीं, मुसीबतों के बिना जीने का मज़ा भी तो नहीं।
27- मेरी मत पूछ तू बस अपनी कहता जा, कुछ दिन तो मेरे संग रहता जा।
28- बस जाऊँगा इतनी दूर जाकर, पहुँच ना सकोगे मुझे तक चाहकर।
29- जो हमे मोहोब्बत दे सके वो शख्स ही नहीं बने, जो दर्द बयान कर सके वो लफ्ज़ ही नहीं बने।
30- याद रखना इतनी दूर वापस लौट कर जाने के लिए नहीं आए थे।
31- अजीब वस्तु विनिमय प्रणाली है प्यार के बदले नफरत मिलती है।
32- कभी आना मिलने मुझसे दोस्ती के नाते यूँ कब तक मतलब के बहानो से मिलते रहोगे।
33- लोग इस वजह से कई दफा हाल नहीं पूछते कहीं हाल सुनाने के बहाने मदद ना मांग ले।
34- आँख बंद करते ही सो जाता हूँ मगर एक दिन हंस कर जागना चाहता हूँ।
35- ज़िन्दगी मेरी सर्दियों की सबह सी है, वक़्त हो गया मगर उजाला नहीं हुआ।
36- बोलती बंद नहीं हुई है मेरी अब बस बोलना बंद कर दिया है मैंने।
37- आसमान के दिखावे में ज़मीन मत दिलाना, अब मुझे अपनी बात पर यक़ीन मत दिलाना।
38-एक लाइन में बयां करूँ जो हाल मैं अपना तो इतना समझ लो बर्बाद हो गया हूँ।
39- जिस महफ़िल में सब तुम्हारे जाने का इंतज़ार कर रहे हों ऐसी महफ़िल में जाना बेकार है।
40- वहां कुछ बोलना बेकार है जहाँ सब बस अपनी सुना रहे हों।