
1- आदमी चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो जब पैसा बोलता है तो सब सुनते हैं।

2- उसी के गीत गाये जाते है उसी का भजन होता है, जिसकी जेब भारी होती है उसी की बात का वजन होता है।

3- जो ये कहते हैं ये सच नहीं है, ये जो पैसा है ये सब नहीं है।

4- लोगों को झुकते देखा है कैसे कैसो के आगे, सब कुछ छोटा सा लगता है पैसों के आगे।

5- पैसा कितना भी हो जाए तुम मौत से बच नहीं सकते, याद रखना तुम अमीर हो अमर नहीं।

6- जूतों की क़ीमत है जान की किसे परवाह है, पैसा ही मंदिर अब पैसा ही दरगाह है।

7- पैसा वो बोली है जो बहरों को भी समझ आती है।

8- दुनिया गिरती है आकर पैरों के आगे, सब कुछ फीका हो गया है पैसों के आगे।

9- कागज़ की क़ीमत जान से ज्यादा है, पैसों की क़ीमत आज कल भगवान से ज्यादा है।

10- चढ़ गया था कुछ रईसों को गुरूर पैसों का, भगवन की एक लाठी ने उतार दिया सारा सुरूर पैसों का।
11- आज कल डॉक्टर भी जान बाद में बचते हैं पहले देखते हैं की मरीज़ की जेब में पैसा बचा है की नहीं।
12- पैसा कुछ इस क़दर बोलता है साहब की पैसे वालों से तो गूंगे भी आकर हाल पूछते हैं।
13- पैसे से ज्यादा पेशा क्या हैं ये देखना ज़रूरी होता है।
14- बस किसी ने बड़ी तो किसी ने छोटी खानी है, फिर इंसान चाहे कितना ही अमीर क्यों ना हो जाए रोटी ही खानी है।

15- जान के सौदे होते देखे है ईमान बिकते देखे हैं, कुछ रुपयों के बदले मैंने इंसान बिकते देखे हैं।
16- इंसान अब जात पात से ऊपर उठ चूका है अब वो पैसा देखता है ।
17- जिस पर पैसा नहीं उसे कहाँ पूछा जाता है, यहाँ जिसके पास पैसा होता है उसे पूजा जाता है।
18- कैदी बाइज्जत बरी और बेगुनाह को मिल रही जेल है, मैं तो बस इतना ही कहूंगा सब पैसों का खेल है।
19- ना ईमानदारी देखकर ना लहज़ा देखकर आज कल मोहोब्बत भी होती है पैसा देखकर ।
20- पैसा जब बोलता है तो कोई कुछ नहीं बोल पाता।
21- ये दुनिया एक दूकान है जहाँ हर तरफ बस दौलत का सिक्का चलता है।
22- सभी के तलवे चाटूँ मैं ऐसा थोड़ी हूँ, सभी को पसंद आऊं मैं पैसा थोड़ी हूँ।
23- जब पैसा पास होता हिअ तो दूर दूर के रिश्तेदार भी क़रीबी है, कभी कभी लगता है सारे फसाद की जड़ गरीबी है।
24- रुपया कितना भी गिर जाए ये कभी इतना नहीं गिर पाएगा जितना इसके लिए इंसान गिर गया है।
25- अगर पैसो से तोला जाए जो ईमान और जुबां दोनों इसके आगे कुछ हलके से नज़र आते हैं।
26- ये जो पैसों के पीछे जान देने पर तुले हुए है जानते नहीं की पैसों से ज़िन्दगी खरीदी नहीं जा सकती।
27- पैसे वालों के पास सब होता है, गरीबों का बस एक रब होता है
28- आज जब देखता हूँ की सभी पर क़र्ज़ बकाया है, तो समझ नहीं आता की इंसान ने पैसा बनाया है या फिर पैसे ने इंसान को बनाया है।
29- लोहा लोहे को काटता होगा जनाब यहाँ पैसे वालों का पैसे वालों से बहुत अटूट रिश्ता है।
30- अगर पैसा सब कुछ नहीं होता तो सब कुछ पैसों से ही क्यों होता है।
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