
1- किसी और को क्या दुखी करूंगा मैं तो अपने दुःख से परेशान हूँ, किसी और को क्या परेशान करूंगा मैं, मैं तो खुद से परेशान हूँ।

2- परेशानियां लाख थी तो भी परेशान नहीं रहता था, एक तू क्या गई मैं परेशान हो गया।

3- इतना परेशान ना था ज़िन्दगी से पहले, जितना परेशान हुआ हूँ तुझे ज़िन्दगी बनाने के बाद।

4- परेशानियां भी परेशान है मेरे परेशान होने से, एक वही खुश है जिसकी वजह से परेशान हूँ मैं।

5- परेशानियां भी परेशान हो उठी है जब मैं बैठकर अपनी परेशानी सुनाता हूँ।
6- किसी को इतना भी परेशान मत कीजिए, की वो परेशानियों से पीछा छुड़ाने के लिए दुनिया छोड़ने पर मजबूर हो जाए।
7- इंसान को परेशानियां नहीं मिलती इंसान खुद परेशानियां ढूंढता है।
8- वो पेड़ कभी आसमान नहीं छू सकता जो अपने ज़मीन पर रहने के लिए अपनी जड़ों को दोषी ठहराता हो।
9- अपनों की साजिशों से परेशान है ज़िन्दगी, गैरों से पूछती है तरीक़ा निजात का।

10- मेरी परेशानिया कोई यूँ भी नहीं पूछता की कहीं ये मुझसे मदद ना मांग ले।
11- लोग ज़िन्दगी में परेशान होते होंगे मैं तो अपनी ज़िन्दगी से परेशान हूँ।
12- वक़्त ने फसाया है लेकिन मैं परेशान नहीं हूँ, हालातों से हार जाऊं मैं वो इंसान नहीं हूँ।
13- तुम क्या परेशान हो वजूद से मेरे, मैं तो परेशान हूँ खुद से मेरे।
14- कल क्या होगा सब अनजान है लेकिन कल को लेकर सब परेशान है।

15- कुछ लोग तो आज कल मुझसे इसीलिए भी परेशान रहते है की आज कल मैं क्यों परेशान नहीं रहता।
16- परेशानी एक ये भी है की एक भी नहीं मेरे परेशानी सुनने के लिए।
17- परेशानियों पुरज़ोर लगी है हौंसले तोड़ने को, मगर हौंसले तैयार ही नहीं हो रहे उड़ान रोकने को।
18- कैसे गुज़ारा हो खुशियों का ये मालूम नहीं मगर ज़ेहन में हर पल एक नयी परेशानी पल रही है।
19- परेशानियों के पर्वत लाख खड़े हो जाएं सीना तान कर, मेरे हौंसले तो घुटने टेकने से रहे।

20- ज़िन्दगी में किसी को ज़िन्दगी मत बनाना, वरना ज़िन्दगी से तुम परेशान हो जाओगे।
21- तुम खुश रो कोई रहे या ना रहे, तुम अपनी सुनो तुमसे कोई कुछ कहे ना कहे।
22- तनहा परेशान पागल सा फिरता हूँ, जो बरसता रहे आँखों में लिए एक बादल सा फिरता हूँ।
23- एक इंसान कितना भी परेशान हो जाए दूसरी परेशानी उसे देख कर नहीं आती।
24- हर सुबह हर शाम किया है,ज़िंदगी तूने मुझे परेशान किया है।
25- जिनके पेड़ पर फल अच्छे नहो होते वो दूसरों को ही अपनी परेशानी की जड़ बताते हैं।
इन्हे भी पढ़े :-
26- खुद से परेशान दुनिया की खबर नहीं मुझे, दूसरों की क्या फ़िक्र करून खुद की कदर नहीं मुझे।
27- मेरी मजूदगी भी अब परेशान करने लगी है तुम्हे लगता है वक़्त आ गया है अब अपना वजूद मिटाने का।
28- परेशान क्या होने कुछ सुनाने वालों से, के कुछ लोग कुछ भी कहते हैं।
29- आँखें भी भीगी दल भी परेशां हुआ, और एक वो है जो आकर पूछते हैं तुम्हे भी क्या हुआ।
30- ज़िन्दगी फंसा हुआ इंसान है एक जो डूबती रहती है परेशानी के दलदल में।
31- ये लोग जो दिखाते हैं की खुश हूँ मैं, इनसे खुद किसी की ख़ुशी देखि नहीं जाती।
32- दुनिया अपने दुखों से परेशान नहीं, दूसरों की खुशियों से परेशान है।
33- तेरे जाने के बाद सनम मैं जब भी रहा परेशान रहा।
34- परेशानियां है परेशानियों के हल कहाँ है, जो कल सब कहते थे साथ देंगे आज वो सब कहाँ है।
35- ज़रुरत आदमी को दिखती है दरवाज़े का मुँह, ख़ुशी से किसकी खुद्दारी बाजार जाती है।