Seher Shayari

Seher Shayari
Seher Shayari in hindi

1- शहर वो ज़हर है जो मार देता है धीरे-धीरे, गांव वो शान्ति है जो सुकून देती है।

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2- बह रहा है शहरों की भीड़ के बहाव में, नदी के किनारों पर आराम से बैठा करता था पहले गांव में।

गांव और शहर पर शायरी

3- अमृत छोड़कर ज़हर पीने आया हूँ मैं, गांव छोड़ कर शहर जीने आया हूँ मैं।

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4- तेरे शहर तो पहुँच जाएंगे किसी ना किसी तरह से तू तेरे दिल तक पहुँचने का रास्ता बता सनम।

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5- मैं गांव का गंवार वो पढ़ी लिखी शहरी थी, वो आज नज़र भी नहीं आती जो कभी ना दूर ना होने की बातें कहती थी।

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6- ये गाँव का पानी ये गाँव की हवा, यही मेरी प्यास का इलाज है यही मेरे हर दर्द की दवा।

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7- गांव के घर कच्चे मगर रिश्ते पक्के होते हैं, शहर की इमारतें ऊंची मगर दिल छोटे होते हैं।

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8- गांव दवा है तो शहर घाव है, शहर डूबता तिनका है और गांव नाव है।

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9- गांव से शहर तेरे आया था कई सपने लेकर, आज टूटे दिल और सपनों को लेकर वापस गांव जा रहा हूँ।

भोपाल शहर पर शायरी

10- शरीर शहर में रूह गांव में है, मैं शहर में तू गांव में है।

11- माना शहर में मौके बहुत है मगर मौकापरस्त भी काफी है, माना गांव में खूबियां कम है मगर शहर में खामियां काफी है।

12- शहर अपना हो सकता है मगर गांव अपनापन है।

13- शहर में मंज़िल मिलती होंगी आशियाना हमेशा गांव में ही होता है।

14- गांव में रहा हूँ और कुछ दिन ठहरा भी हूँ शहर में, पर दिल को सबसे ज्यादा सुकून मिला हैं गांव में।

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15- सब कुछ ठीक हो जाए ज़िन्दगी के खेल में ऐसा एक दाव चला जाए, बहुत हो गया शहर का रोना चलो फिर गांव चला जाए।

16- एक गांव भगा था शहर से, फिर ऐसा कटा की शहर हो गया।

17- शहर में पैर रखने तक की जगह नहीं है मगर बड़ा दिल रखने वाला वहां एक नहीं है।

18- तेरे शहर तेरे मोहल्ले तेरी गली का हर कोना-कोना याद है मुझे तुझे मेरे गाँव का नाम तक मालूम नहीं।

19- याद रखना दोस्त शहर और वक़्त किसी के लिए नहीं रुकते।

भोपाल शहर पर शायरी

20- ऊंची इमारतों से सब कुछ छोटा नज़र आता है, जब नीचे उतर कर देखो तब सब सच नज़र आता है।

21- शहर में औकात देख कर दोस्ती होती है और गांव में इंसानियत देखकर।

22- शहर से कितना ही पीछे क्यों ना रह गया हो, आगे आने वाले समय में लौटकर सब गांव ही आने वाले है।

23- गांव वाले जुबां से नहीं दिल से बोलते हैं और शहर वाले तो दिल में भी दिमाग लिए फिरते है।

24- रिश्तों का गांव उजाड़ गया, यादों का शहर फिर भी सलामत रहा।

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25- शहर में रहकर इतने भी मतलबी मत हो जाना की आने वाली पीढ़ी को गांव का मतलब भी ना मालूम रहे।

26- तूफ़ान सवार है समंदर की लेरहों पर, हमारा ही राज है तुम्हारे खरीदे हुए शहरों पर।

27- शहर की ज़ुबान पर शहद हाथों में छूरी रहती है, यहाँ मकानों के बीच फासले कम होते हैं मगर दिलों में दूरी रहती है।

28- उसे लाखों चाहते हैं तेरी चाहत का उस पर क्या फ़र्क़ पड़ेगा, एक मोहल्ले के जलने से पूरे शहर को क्या फ़र्क़ पड़ेगा।

29- शहर मेरा शाम तक तक कमाता है ताकि रात को भूखे पेट सोना ना पड़े।

30- यूँ तो पास पैसा बहुत है शहरों के, मगर सुकून यहाँ दूर दूर तक नहीं दिखाई देता।

31- सारा शहर जानेगा मेरी चाहत के किस्से, मैं खून की स्याही से तेरे लिए खत लिख दूंगा।

32- शहर बड़ा ज़रूर होगा तेरा, मगर मेरा गांव सा खूबसूरत होने का सवाल ही नहीं।

33- मिलता नहीं शहर में एक खैरियत पूछने वाला, हैसियत पूछने वाले लाखों आ जाएंगे।

34- शहर में वक़्त नहीं बचता गांव में पैसे नहीं बचते, दोनों ही मजबूर है जनाब अपनी अपनी जगह।

35- गांव ने पूछा फिर कब लौटोगे, इस लाजवाब सवाल ने मेरी बोलती बंद कर दी।

36- आज फिर तेरी गली से गुज़र रहे हैं सनम, अब क्या बताएं क्या गुज़र रही है सनम।

37- शोर शराबों से दूर शराब के नज़दीक, शहर से दूर गांव के नज़दीक।

38- इस दिल के कार्यालय में ताला लगा है उस दिन से, तेरा तबादला किसी और शहर में हो गया जिस दिन से।

39- तेरा ख्याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू, एक भीड़ सी लगी है तेरे शहर में।

40- ये शहर नहीं ज़हर है जनाब जो इंसान के ज़मीर को मार देती है।

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