
1- आंसू बहाने से हो जाता है दिल हल्का कुछ देर के लिए, कुछ देर बाद दिल फिर भर जाता है दर्द से।

2- दिल टूटा कितनी दफा और कितने टुकड़े हुए, मेरी गणित अच्छी है मगर मेरे पास इसका हिसाब नहीं।

3- दिल ज़िद्दी था तेरी मोहोब्बत के लिए अब ज़िद और दिल एक साथ टूटे हैं।

4- मेरे दिल के टूटने में गलती मेरी ही है शायद मैंने ही इसे किसी और के हवाले किया था।

5- भरोसा जो किया तुझपर वो टूटा, दिल जो दिया तुझे वो टूटा, खाब जो सजाए थे संग तेरे वो टूटे, अब कुछ बाकी नहीं ही अब कुछ बचा नहीं है।
6- इतने हैरानी की कोई बात ही नहीं हम बने ही थे टूटने के लिए।
7- मत करो मुझे मुक़म्मल करने की कोशिश मैं वो तारा हूँ जो टूट चूका है।
8- दिल और बोतलें भरी हुई है, बोतलें खाली कर दूँ नहीं तो दिल भर जाएगा।
9- कितने दिन हो गए दिल टूटे हुए, एक रिश्ता ऐसा ना जुड़ा जो इसे जोड़ सके।

10- राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहोब्बत की जुबां होती है।
11- दर्द बिकते हैं थोक के भाव में, हर दिल के लिए कई दर्द बने हुए हैं।
12- दिल की हर रग क्या उसकी भी जलती होगी, क्या उसे भी कभी मेरी कमी खलती होगी।
13- ना अपने पास हूँ ना तेरे साथ हूँ, बहुत दिन से मैं ऐसे ही उदास हूँ।
14- मतलब के चौतरफा सौदों में, सच्चा दिल एक तरफ़ा दर्द झेलता है।

15- पहली मोहोब्बत की हम बुझा ना सके, उनसे यादें इतनी जुड़ गई की उन्हें भुला ना सके।
16- उसके जाने के इतने वक़्त बाद भी, बैठे रहे उसकी याद में बर्बाद ही।
17- जिस दिन से मेरे शीशे के दिल की उस पत्थर दिल से मुलाक़ात हुई, उस दिन से गई गुज़री मेरी हर दिन और हर रात हुई।
18- अपनी यादों की मशालें छोड़ कर जा सनम, जानता हूँ तेरे जाने के बाद ज़िन्दगी में अँधेरा ही होगा।
19- ना जाने किस जहन्नुम में आ गए तेरी बातों में आकर, यहाँ कहीं दिल जल रहा है तो कहीं रातें।
20- मेरे चुप रहने की वो भी वजह पूछ रहे हैं जिन्होंने कभी मुझे कुछ कहने का मौका ही नहीं दिया।
21- जब रखा क़दम टूटे दिलों की नगरी में तो जाना मैं अकेला नहीं हूँ जिसका दिल टूटा हुआ है।
22- मैं तेरा हो गया मेरा दिल तेरा हो गया, तुझे पाने की ख्वाहिश में सनम वजूद मेरा खो गया।
23- अगर ये आंसू बने ही ना होते मेरा दर्द किसी की आँखों को नज़र भी नहीं आता।
24- मैंने हर बार तेरा दिल रखा है कुछ इतने बेहतर ढंग से तेरा दिल रखा है।
25- तस्कीन ना हो जिससे वो राज़ बदल डालों, जो राज़ ना रख सके उस हमराज़ को बदल डालो
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26- दर्द में रखा खुद को दर्द में रहा, तूने हाल ही नहीं पुछा सो मैंने किसी से ने कहा।
27- इस टूटे दिल की ज़मीन पर दफन कई गम है, कहीं खोए रहते हैं ख्याल आज कल और कहीं ख्यालों में गुम हम है।
28- उसे ख्याल ही नहीं वक़्त का मेरे जिसका ख्याल मुझे हर वक़्त रहता है।
29- ग़मों की बरसात में भीगता रहा, वो अनसुना करता रहा जिसका नाम मैं चीखता रहा।
30- खोया रहता मैं तेरी तस्वीर में हूँ, किसी और से मिलने का मुझे होश कहाँ।