
1- लिखने बैठा जो तारीफ में तेरी, अलफ़ाज़ ना मिले उसे बयान करने को।

2- ज़माना कल का हो या फिर आज का, तेरे जैसे हुस्न की हर तारिख में तारीफ होगी।

3- यही तकलीफ है अब ज़माने वालों की, की तारीफ तेरी करें या तुझे बनाने वाले की।

4- कमी निकाले नहीं निकलती तुझसे, ये तारीफ भी क्या किसी तारीफ से कम है।

5- तेरे आगे सभी की बोलती बंद हो जाती है, अब तेरा भी क्या कहना सनम।

6- किसी को बताता नहीं सभी को खबर लग जाती है, मैं तारीफ नहीं करता नज़र लग जाती है।

7- इस आम से चेहरे को तेरे आगे हाज़िर क्या करें, जो सजे तेरे हुस्न को ऐसी तारीफ क्या करें।

8- तुझसे मुलाक़ात करने में ये भी एक दिक्कत है, तेरे रूबरू होकर बातें कम तारीफ ज्यादा होती है।

9- चाँद हो अगर तुझ जैसा सनम, करवाचौथ रखने वालो की तादाद बढ़ जाएगी।

10- कत्ले-आम करने का किसी को ऐसा हुनर भी हासिल है, तू कातिल तो है सनम मगर तारीफ़ के काबिल है।
11- मैंने मिलने से पहले भी तेरी कई तारीफें सुनी थी, मगर मिलने के बाद लगा मुझे की जो सुनी थी कम सुनी थी।
12- सोचा था जब मिलूंगा उसे तो कहूंगा कुछ कहने लायक, मगर सोचा न था जब मिलूंगा उसे तो रहूंगा ना कुछ कहने लायक।
13- की दीवारों के कान भी खड़े हो जाते है, जब महफिलों में तेरा ज़िकर होता है।
14- तुझे देख कर ही बादलों से बारिशें होती है, तू जहान में जहां भी होती है बस तारीफें होती है।

15- बंजारा था जो दिल एक जगह न ठहरता था, किसी को देख अपना घर बसाना चाहता है।
16- एक बात हो तो तारीफ करूँ पर तुझमे तो बात ही काफी है, रोज़ मिलना ज़रूरी नहीं तेरा आदि होने के लिए एक मुलाक़ात ही काफी है।
17- अगर खुदा भी पूछे मुझे की क्या पाने की ख्वाहिश है , मैं बिना हिचखिचाहत के कहूंगा तुझे पाने की ख्वाहिश है।
18- अलग ही अदा है तेरा अलग ही रुतबा है, समझ ये नहीं आता तू चाँद का टुकड़ा है या फिर चाँद तेरा टुकड़ा है।
19- तुम हर मायने में खूबसूरत हो तुम्हे किसी मायने की ज़रुरत नहीं, तुम्हे दुनिया ही बता देगी तुम कितनी खूबसूरत हो तुम्हे किसी आईने की ज़रुरत नहीं।

20- तेरी सादगी को मैं तेरी सबसे बड़ी खूबी मानता हूँ, तू भी इस बात से वाखिफ़ है इस बात को मैं भी बखूबी जानता हूँ।
21- जो आए तो बंदा खुश हो जाए खुदा क़सम वो क़यामत हो तुम।
22- शायरी लिखी आज तुझपर जो मैंने, हर लफ्ज़ खुश था की वो तुझ पर लिखा गया है।
23- तू जो कहदे वो हुक्म है उस पर कोई सवाल नहीं होगा, जो हो भी गए हलाल तेरे हुस्न पर खुदा क़सम कोई मलाल नहीं होगा।
24- देख ले जो नज़र एक दफा तुझे, तारीफ मुँह से निकलने को बेताब हो जाती है।

25- तेरे हुस्न की मैं यूँ ही नहीं तारीफ करता हूँ, कम्बख्त क़त्ल भी हो जाता है और कातिल का भी पता नहीं चलता।
26- तुझे एक दफा देखते ही साँसे हर दम बढ़ जाती है, तारीफ कितनी भी करूँ तेरी कम पड़ जाती है।
27- हुस्न वालों को सजने की क्या ज़रुरत है भला, वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
28- तू नाराज़ होती है की हम तेरी तारीफ कम करते है, तेरी तारीफ कितनी भी करूँ कम पड़ जाती है।
29- तेरी आँखें है ही दरिया सी सनम, तेरी तारीफों के पुल बाँधने ही पड़ते हैं।

30- तुझे देखते ही छुट्टी हो जाती है देखने वालों की, सच तुझे खुदा ने बड़ी फुर्सत में बनाया है।
किसी व्यक्ति की तारीफ में शायरी
1- मत पूछ किस मुसीबत से जूझ रहा हूँ मैं, तू जबसे मिली है तेरी तारीफ के लिए लफ्ज़ ढून्ढ रहा हूँ मैं।
2- यूँ ही नहीं होता रोशन आसमान हर रोज़, चाँद तारे सूरज सभी तेरी खूबसरती देख जला करते हैं।
3- कुछ अपना अंदाज़ है कुछ मौसम रंगीन है, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनों ही संगीन है।
4- अब तुझसे क्या छिपा है तू तो हर बार से वखिफ है, तेरी तुलना चाँद से करना खुद चाँद की तारीफ है।
5- वो आइना भी पढ़ने लगता होगा कसीदे तेरी तारीफ के, जिसमे तू अपना चेहरा देख लेती होगी।
6- तारीफ में तेरी दो शब्द क्या कहें, तेरी तारीफ पर तो किताबें लिखी जाएगी।
7- यूँ ही नहीं बादलों के पीछे छिपता है चाँद, वो भी शर्मा जाता है तेरी ख़ूबसूरती देख कर।
8- चेहरा लाजवाब सारी दुनिया से जुदा है सनम, इतनी खूबसूरत तू खुद है और फिर खुदा है सनम।
9- नज़रों की अदा तेरी मेरे लिए दीवानगी बन गई, तेरा नाम लिखा जो कागज़ पर खुद बखुद शायरी बन गई।
10- ये जो तेरी अदा है, नाजाने कितने मर्ज़ों की दवा है।
11- बोलती बंद हो जाती है सिर्फ निगाहें देख कर, कहीं चेहरा देख लिया तो गज़ब हो जाएगा।
12- ये जो निगाहों से मेरे दिल को हलाल करते हो, करते तो जुर्म हो मगर कमाल करते हो।
13- खंजर ना कर सके वो काम तेरी पायल कर जाती है, एक आवाज में इस दिल को घायल कर जाती है।
14- तुम तारीफ के काबिल हो सनम मगर ये तारीफें तुम्हे नवाज़ें ये इतनी काबिल कहाँ।
15- तुझे देखकर दिल बड़ी दुविधा में है, ये धड़के या फिर तेरा नाम ले सनम।
16- आँखों को जब तेरा दीदार हो गया, दिन आम था अब तक अब त्यौहार हो गया।
17- तारीफें तेरी तरफ झुककर सजदा करती है, तुन्हे इन्हे झुका दिया तो हम क्या चीज़ है।
18- हुआ फिर यूँ की उठकर नींद में चलने लगा था, बताया था किसी ने ख़्वाब में तेरा पता मुझको।
19- अब भला वो क्या कहे कुछ तारीफ में तेरी, जिसकी तुझे देखते ही बोलती बंद हो गई हो।
20- चाँद तारे भी अब इतने खूबसूरत नहीं लगते, जितना खूबसूरत अब हमे तू लगता है।
21- तेरी खूबसूरती की जितनी भी तारीफ करू में वो कम है, तेरे इश्क़ में हम आज भी मरने को तैयार है।
22- चेहरा मासूम सा है लेकिन आँखे बड़ी कातिलाना है, चाहे कुछ भी हो जाये तुझे हर हाल में मुझे अपना बनाना है।
23- अब क्या ही तारीफ करे हम आपकी, पूरी जिंदगी कम पड़ जाएगी तरीफ में आपकी।